Prophet Muhammad: SC की बेजा टिप्पणियों की वजह से Nupur Sharma को मिल रही धमकियां! क्या कहती है रिटायर्ट जजों की ये चिट्ठी

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भारत में हर धर्म के लोगों को रहने और बोलने की आजादी है। शायद इसका का कुछ कट्टरपंथी भरपूर फायदा उठाते हैं। यहां मंदिरों में जब भी तोड़-फोड़ या फिर हिंदू धर्म के किसी देवी-देवताओं को अपमान पहुंचाया जाता है तो इन कट्टरपंथियों की हलक सुख जाती है। इनकी जुबान को लकवा मार देता है। लेकिन, जैसे ही कुछ छोटा सा भी मुस्लिम धर्म के खिलाफ होता है तो पूरे कौम में आग लग जाती है। कुछ कट्टरपंथी मुसलमान इन मुद्दाओं को ऐसे तोड़ मरोड़कर पेश करते हैं कि इस आग में मासूम लोग भी कूद जाते हैं। देश में वैसे तो कई मुद्दा गरमाया हुआ है लेकिन, दो मुद्दे को लेकर ज्यादा बहस हो रही है। पहला है नूपुर शर्मा के खिलाफ में और दूसरा है कन्हैयालाल के हत्यारों के बचाव में। नूपुर शर्मा ने तो मांफी भी मांग ली लेकिन, इसके बाद भी कट्टरपंथी और विपक्ष अपनी राजनीति चमका रहे हैं। दूसरी ओर कैल्हैलाल के हत्यारों को सजा दिलाने के बजाय ये कट्टरपंथी इनके पक्ष में बोल रहे हैं। इनके खिलाफ बोलने वालों को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। अब तो नूपुर शर्मा के सर कलम करने वालों के लिए इनाम तक घोषित कर दिया गया है।</p>
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अजमेर दरगाह के हिस्ट्री शीटर सलमान चिश्ती गैंग ने नूपुर शर्मा का सर कलम करने वाले को मकान देने की बात कहते हुए अपना एक वीडियो वायरल किया है। अभी हाल ही में उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या का मामले से देश उभर भी नहीं पाया आया है और अब एक और वीडियो वायरल होने से देश में मजहब की आड़ में एक बार फिर हिंसा भड़क सकती है। नूपुर शर्मा को मारने वाले को मकान देने का वीडियो बनाने वाले हिस्ट्री शीटर सलमान चिश्ती का अपराध की दुनिया से पुराना नाता है, उसके खिलाफ हत्या और हत्या का प्रयास करने सहित कई धाराओं में लगभग 13 मुकदमें दर्ज हैं।</p>
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Hi <a href="https://twitter.com/ashokgehlot51?ref_src=twsrc%5Etfw">@ashokgehlot51</a>, is your govt arresting this creep, or are you waiting for a few more Hindus to be beheaded? <a href="https://t.co/IebOFrB0jH">pic.twitter.com/IebOFrB0jH</a></p>
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) <a href="https://twitter.com/ShefVaidya/status/1544186396054761476?ref_src=twsrc%5Etfw">July 5, 2022</a></blockquote>
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अजमेर दरगाह के खादिम  सलमान चिश्ती ने खुद बाकायदा एक वीडियो शूट कर भड़काऊ बयान दिया है और उसे वायरल किया है। उसने कहा है कि ''जो नूपुर शर्मा की गर्दन लाएगा, मैं उसे अपना मकान इनाम के तौर पर दे दूंगा'। ये वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस एक्शन में है और इसकी जांच शुरू कर दी गई है। बता दें कि, बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने कुछ दिनों पहले पैगंबर मोहम्मद को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से पूरे देश में हंगामा मच गया। नूपुर के खिलाफ कई राज्यों में मुकदमा भी दर्ज किया गया और उन्हें कई आतंकी संगठनों से भी जान से मारेने की धमकी मिल चुकी है।</p>
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<strong>नूपुर शर्मा को मिला 117 पूर्व अधिकारियों और जजों का साथ</strong></p>
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इन सबके बीच नूपुर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी की कई पूर्व जजों ने आलोचना की है और भारत के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिख कर इसकी शिकायत की है। केरल हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रवींद्रन के पत्र में 15 रिटायर्ड जज, 77 रिटायर्ड नौकरशाह, 25 रिटायर्ड आर्मी अधिकारियों ने हस्ताक्षर कर, उनके स्टेटमेंट का समर्थन किया है। नूपुर के याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाल की पीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा था कि, उनका बयान देश भर में आग लगाने के लिए जिम्मेदार है। इस टिप्पाणी के बाद रोजाना अलग-अलग संगठन मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर शिकायत कर रहे हैं। केरल हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस पीएन रवींद्रन ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख कर कहा है कि इस टिप्पणी से सुप्रीम कोर्ट ने लक्ष्मण रेखा लांघ दी है। उनके इस पत्र पर न्यायपालिका, नौकरशाही और सेना के 117 पूर्व अधिकारियों और जजों के दस्तखत हैं।</p>
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<strong>देखे क्या लिखा है मुख्य न्यायाधीश को भेजे गए पत्र</strong></p>
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पूर्व जज जस्टिस पीएन रवींद्रन के पत्र में लिखा है कि, हम जिम्मेदार नागरिक के रूप में विश्वास करते हैं कि किसी भी देश का लोकतंत्र तब तक बरकरार नहीं रहेगा, जब तक सभी संस्थाएं संविधान के मुताबिक अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करेंगी. सुप्रीम कोर्ट के 2 न्यायधीशों ने अपनी हाल की टिप्पणियों में लक्ष्मण रेखा लांघी है और हमें यह बयान जारी करने के लिए मजबूर किया है। दोनों जजों की टिप्पणियों ने लोगों को स्तब्ध किया है। ये टिप्पणियां न्यायिक आदेश का हिस्सा नहीं हैं। एक व्यक्ति पर देश के कई राज्यों में दर्ज मुकदमों को एकीकृत करवाना उसका कानूनी अधिकार है।'</p>
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आईएन ब्यूरो

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