भारत सरकार के झटके से बौखलाया जाकिर नाइक, कहा- ऐसे कैसे कर सकते हैं

<div id="cke_pastebin">
<p>
इस्लामिक प्रचारक और उपदेशक जाकिर नाइक के संगठन इस्लमिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) पर भारत सरकार द्वारा गैरकानूनी एसोसिएशन घोषित करने की कार्रवाई पर भगौड़ा जाकिर नाइक छटपटा उठा है। भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार को जाकिर नाइक के वकालतनामा पर आपत्ति जताते हुए कहा कि, यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और संबंधित फैसले के अनुसार नहीं है। उन्होंने कहा कि, किसी को भी यह सत्यापन करना होगा कि डॉ जाकिर अब्दुल करीम नाइक के वकालतनामा पर हस्ताक्षर जो आईआरएफ के ट्रस्टी होने का दावा करते हैं, उसी व्यक्ति के हस्ताक्षर हैं। चूंकि जाकिर नाइक एक भगोड़ा है, इसलिए वकालतनामा को मलेशिया में भारतीय दूतावास द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए। अब इसी पर जाकिर नाइक दर्द से कराह उठा है और अनाप-शनाप बकना शुरू कर दिया है।</p>
<p>
<strong>Also Read: <a href="https://hindi.indianarrative.com/india-news/up-election-congress-national-secretary-beaten-up-in-balrampur-for-not-getting-ticket-leaders-expelled-36159.html">UP Election 2022: आपस में जमकर भीड़े Congress नेता, टिकट नहीं मिलने पर राष्ट्रीय सचिव को जमकर पीटा</a></strong></p>
<p>
भगोड़े जाकिर नाइक ने केंद्र के इस कदम को अनुचित बताया है। उसने संस्था के माध्यम से कहा है कि केंद्र की कार्रवाई अवैध, और यूएपीए अधिनियम के कठोर प्रावधानों के दुरुपयोग के बराबर है। IRF ने यूएपीए ट्रिब्यूनल को अपने जवाब में कहा, यह दिखाने के लिए जरा सा भी सबूत नहीं है कि फाउंडेशन अतीत में कभी भी किसी भी गैरकानूनी गतिविधि में लिप्त रही है। फाउंडेशन आईपीसी की धारा 153 (ए) या 153 (बी) के तहत दंडनीय कोई भी गैरकानूनी गतिविधि शामिल नहीं है। इसके आगे कहा कि, फाउंडेशन एक पंजीकृत धर्मार्थ सार्वजनिक ट्रस्ट है और इसके अपने उद्देश्य और गतिविधियां हैं जो अन्य बातों के साथ-साथ स्कूलों, अनाथालयों, अनुसंधान और शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, आदि की स्थापना के अलावा धर्मार्थ, शैक्षिक, नैतिक और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देती हैं व योग्य छात्रों को छात्रवृत्ति और शैक्षिक सहायता भी देती है।</p>
<p>
<strong>Also Read: <a href="https://hindi.indianarrative.com/india-news/localcircles-said-in-its-survey-that-percent-of-the-country-s-population-does-not-want-to-get-booster-dose-36147.html">Booster Dose को लेकर लोगों में हिचकिचाहट, देश की इतनी फीसदी नहीं लगवाना चाहती प्रिकॉशन डोज</a></strong></p>
<p>
ट्रिब्यूनल फॉर अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट यानी यूएपीए ने शुक्रवार को डॉ जाकिर अब्दुल करीम नाइक को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अपना वकालतनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। ट्रिब्यूनल के प्रमुख डीएन पटेल ने कहा कि, उनके हस्ताक्षरों के उचित स्तयापन के बाद मलेशिया में भारतीय दूतावास के माध्यम से उनका वकालतनामा दायर किया जाना चाहिए। ट्रिब्यूनल ने भारत सरकार को निर्देश दिया कि वह सुनवाई की अगली तारीख से पहले गवाहों और मुख्य जांचकर्ता की अपनी सूची दाखिल करे। मामले को विस्तृत सुनवाई के लिए 10 फरवरी, 2022 के लिए बढ़ा दिया गया है।</p>
</div>

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago