देश की राजधानी दिल्ली में G-20 Summit 2023 होने जा रहा है। इस बार भारत विश्व के सबसे मजबूत आर्थिक संगठनों में से एक G20 सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है। इस सम्मेलन में दुनिया के 40 से ज्यादा देश और राष्ट्राध्यक्ष शामिल होने वाले हैं,लिहाजा दुनियाभर की नजरें इस शिखर सम्मेलन पर रहने वाली है। आयोजन में सिर्फ 10 दिन ही शेष रह गए हैं। 9-10 सितंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है।
G-20 Summit 2023 शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले कई मेहमानों के भारत आने पर अभी असमंजस बना हुआ है। कई राष्ट्राध्यक्ष ऐसे हैं जिनके सम्मेलन में शामिल होने पर संदेह बना हुआ है। साथ ही इसकी अध्यक्षता भारत के लिए एक बड़ा राजनयिक अवसर लेकर आई है, जिससे भविष्य में देश को फायदा मिलेगा।
सम्मेलन में लिए गए फैसले होंगे विश्व के लिए महत्वपूर्ण
दरअसल, G-20 Summit 2023 उन 19 देशों से बना है जो संयुक्त रूप से विश्व के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 85 फीसदी और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में 75 फीसदी का योगदान देते हैं। यह आंकड़े दुनिया के लिए कितने बड़े हैं, इसको समझा जा सकता है। लिहाजा इस शिखर सम्मेलन में जो भी फैसले लिए जाएंगे वो आने वाले दिनों में विश्व के लिए बेहद महत्वपूर्ण होंगे।
समय के साथ बढ़ता गया यह समूब
G-20 समूह साल 1999 में अस्तित्व में आया था, जिसका मकसद वैश्विक आर्थिक संकट से उबरने के लिए था। मम्मेलन की शुरुआत में सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और प्रमुख बैंकों के गवर्नरों को बुलाया जाता था। मगर, समय के साथ इस समूह का दायरा व्यापक होता चला गया।
सम्मेलन में होंगे ये प्रमुख मुद्दे
वर्तमान चुनौतियों में प्रमुख तौर पर विश्व में खाद्य संकट, ऊर्जा की कमी, जलवायु परिवर्तन, वर्तमान महामारी और यूक्रेन युद्ध का मुद्दा शामिल है। G20 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सहित 25 से ज्यादा विश्विक नेता शामिल होने भारत आ रहे हैं।
यह शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को होने वाला है,जिसमें दो देशों को छोड़कर बाकी सभी देशों के प्रमुख नेता शामिल होने दिल्ली आ रहे हैं।
जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाला देश और उसके राष्ट्राध्यक्षों की लिस्ट
फुमियो किशिदा, जापान के प्रधानमंत्री
जियोर्जिया मेलोनी, इटली के प्रधानमंत्री
जो बाइडेन, अमेरिका के राष्ट्रपति
ऋषि सुनक, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री
शी जिनपिंग, चीन के राष्ट्रपति
इमैनुएल मैक्रॉन, फ्रांस के राष्ट्रपति
जस्टिन ट्रूडो, कनाडा के प्रधानमंत्री
लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, ब्राजील के राष्ट्रपति
मोहम्मद बिन सलमान, क्राउन प्रिंस, सऊदी अरब के प्रधानमंत्री
जोको विडोडो, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति
एंथोनी अल्बानीज़, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री
सिरिल रामफोसा, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति
ओलाफ स्कोल्ज़, जर्मनी के चांसलर
रेसेप तैयप एर्दोगन, तुर्की के राष्ट्रपति
यूं सुक येओल, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति
इसमें भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण और प्राथमिकता वाले नेता चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की उपस्थिति होगी, मगर शी ने अभी तक G20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आने की औपचारिक पुष्टि नहीं की है।
इन देशों की ओर से अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं
विदेश मंत्रालय के मुताबिक मैक्सिको, सऊदी अरब, तुर्की, जापान, जर्मनी, इटली, इंडोनेशिया, ब्राजील और अर्जेंटीना से भी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जगह उनके प्रतिनिधि के तौर पर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत आएंगे।
जी-20 समूह के सदस्यों के अलावा आमंत्रित देशों के नेता जो शामिल होंगे
शेख हसीना, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री
अब्देल फतह अल सिसी, मिस्र के राष्ट्रपति
प्रविंद कुमार जुगनाथ, मॉरीशस के प्रधानमंत्री
ली सीन लूंग, सिंगापुर के प्रधानमंत्री
पेड्रो सांचेज़, स्पेन के राष्ट्रपति
मार्क रुटे, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री
बोला अहमद टीनुबू, नाइजीरिया के राष्ट्रपति
शेख मोहम्मद बिन जायद, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति
सैय्यद असद बिन तारिक अल सईद, ओमान के उप प्रधानमंत्री
इसके अलावे वैसे लोगों को भी आमंत्रित किया गया है जो वैश्विक संस्थाओं के अध्यक्ष हैं।
एंटोनियो गुटेरेस, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव
अजय बंगा, विश्व बैंक के अध्यक्ष
क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक
मासात्सुगु असकावा, एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष
अजय माथुर, अंतर्राष्ट्रीय सोलर अलायंस के डीजी
अमित प्रोथी, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के डीजी
गिल्बर्ट फॉसौं होउंगबो, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के डीजी
क्लास नॉट, वित्तीय स्थिरता बोर्ड के अध्यक्ष
माथियास कॉर्मन, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के महासचिव
नगोज़ी ओकोन्जो इवेला, विश्व व्यापार संगठन के डीजी
जमीन से लेकर आसमान तक सुरक्षा
चुकी मेजबानी भारत सरकार कर रही है,लिहाजा सरकार G20 शिखर सम्मेलन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ रही है। सम्मेलन में शामिल होने आ रहे विश्व के इनते बड़े नेताओं की सुरक्षा में कोई छोटी सी भी चूक ना हो इसके लिए दिल्ली में जमीन से लेकर आसमान तक निगरानी रखी जाएगी। दिल्ली के आसमान में किसी भी संदिग्ध गतिविधि यूएवी या ड्रोन पर कड़ी नजर रखी जाएगी। वहीं, वायुसेना के लड़ाकू विमान अलर्ट मोड पर रहेंगे, और दिल्ली हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों को तैनात किया गया है।
यह भी पढ़ें-G20 के लिए तैयार हो रही दिल्ली, हाई अलर्ट पर रहेंगे पांच सरकारी व तीन निजी अस्पताल
ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…
मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…
हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…
इजरायल (Israel) और फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…
Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…
The Kashmir Files के डायरेक्टर पर बॉलीवुड अदाकारा आशा पारेख बुरी तरह बिफर गई। विवेक…