हर गांव को अगले 1000 दिनों में ऑप्टिकल फाइबर केबल  कनेक्टिविटी से जोड़ने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि आने वाले 1000 दिनों में देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा। उल्लेखनीय है कि 2014 से पहले देश में केवल 5 दर्जन पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर केबल से जुड़ी थीं। पिछले पांच वर्षों में देश में लगभग 1.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा गया है।

मोदी ने आगे कहा कि डिजिटल इंडिया में ग्रामीण भारत और गांवों की भागीदारी भारत के संतुलित विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। गांवों को सक्षम करने के लिए हम तेजी से अपने ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का विस्तार करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क अगले 1,000 दिनों के भीतर सभी 6 लाख गांवों तक पहुंच जाएगा।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस महत्वपूर्ण घोषणा के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा- ”आज आपने दूरसंचार विभाग को भारत के सभी गांवों को अगले 1000 दिनों में ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट से जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी है। यह डिजिटल इंडिया के लिए गेम चेंजर है। आपकी प्रेरणा से हम इसे पूरा करेंगे।”

74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगले 1000 दिनों में लक्षद्वीप को पानी के नीचे से ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास लगभग 1,300 द्वीप हैं। राष्ट्र के विकास में उनकी भौगोलिक स्थिति और उनके महत्व को ध्यान में रखते हुए,इनमें से कुछ द्वीपों में नई परियोजनाएं शुरू करने पर काम चल रहा है। हमने कुछ द्वीपों को तेजी से विकास के लिए चुना है।

उन्होंने बताया कि हाल ही में अंडमान और निकोबार द्वीप को बेहतर इंटरनेट सेवा के लिए समुद्र तल केबल के साथ जोड़ा गया है और अब लक्षद्वीप को केबल से जोड़ेंगे। गांवों को ओएफसी कनेक्टिविटी और लक्षद्वीप प्रायद्वीप को समुद्र तल ओएफसी से जोड़ने से ग्रामीण इलाकों / गांवों और लक्षद्वीप द्वीपों में रहने वाले लोगों को सस्ती और बेहतर कनेक्टिविटी मिलने में मदद मिलेगी। इससे डिजिटल इंडिया के सभी लाभों विशेष रूप से ऑनलाइन शिक्षा, दुरस्थ-चिकित्सा, बैंकिंग प्रणाली, ऑनलाइन व्यापार में सुधार और पर्यटन तथा कौशल विकास को बढ़ावा देने आदि में भी मदद मिलेगी।.

डॉ. शफी अयूब खान

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