Assam New CM: हिमंत बिस्वा सरमा के हवाले असम, देखिए वाकलत से राजनीति तक का सफर

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गुवाहाटी में बीजेपी विधायकों की बैठक में हिमंत बिस्वा सरमा के असम के नए मुख्यमंत्री बनने पर मुहर लग गई है। कई दिनों तह चली माथापच्ची के बाद आखिरकार अब बिस्वा असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगें। इससे पहले निवर्तमान सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यपाल जगदीश मुखी को अपना इस्तीफा सौंप दिया।</p>
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बीजेपी रविवार को विधायक दल की एक बैठक कर रही है। यह बैठक दिसपुर में असम विधानसभा भवन में आयोजित हो रही है। बैठक में बीएल संतोष, बैजयंत जय पांडा और अजय जम्वाल जैसे कई नेता शामिल है। बताया जा रहा है कि हिमंत बिस्व सरमा असम के नए मुख्यमंत्री होंगे। सर्बानंद सोनोवाल ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा जिसे बीजेपी विधायक दल की बैठक में मंजूर कर लिया गया है।</p>
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<strong>बीजेपी की असम जीत के नायक हिमंत</strong></p>
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पार्टी आलाकमान ने हिमंत बिस्वा सरमा और सर्बानंद सोनोवाल दोनों को दिल्ली बुलाया था। दोनों नेताओं से पहले अलग-अलग और फिर एक साथ बिठाकर बात की गई थी। इसके बाद से ही हिमंत का नाम सीएम पद के लिए सबसे आगे चल रहा था। हिमंत बिस्वा सरमा का जोरदार प्रचार अभियान बीजेपी की जीत की अहम वजहों में से एक माना जा रहा है। और इसी कारण असम में लगातार दूसरी बार बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने जा रही है।</p>
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<strong>लगातार पांचवी बार विधायक बने बिस्वा</strong></p>
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हिमंत बिस्वा सरमा के राजनीति की बात करे तो इस बार वो लगातार पांचवी बार विधायक बने है। असम की जालुकबारी विधानसभी सीट से उन्हें जनता ने 5वीं बार विधायक चुना है। इस बार उन्होंने 1 लाख 1,911 वोटों के बंपर मार्जिन से जीत दर्ज की है। 2015 में सरमा ने बीजेपी ज्वॉइन किया था। राज्य में दमखम के मामले वह सोनोवाल से किसी मायने में कम नहीं है। 2016 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में असम में बीजेपी की जीत के साथ ही हाल में सीएए विरोधी प्रदर्शन और कोरोना के हालात को संभालने में उनकी अहम भूमिका रही है।</p>
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<strong>वकालत से राजनीति तक का सफर</strong></p>
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बिस्वा कॉलेज के समय से ही राजनीति में सक्रिय थे। लॉ करने के बाद उन्होंने 5 साल तक गुवाहाटी हाई कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस की। मई 2001 में वह पहली बार जालुकबारी सीट से जीते। असम की पिछली सरकारों में वह वित्त, कृषि और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण जैसे अहम विभागों के मंत्री रहे।</p>
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आईएन ब्यूरो

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