भारत ने बढ़ाई ड्रैगन की बौखलाहट! Budget 2022 में VVP की घोषणा, अब आधुनिक होंगे चीन से सटे गांव

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को सीमा पर स्थित गावों में बुनियादे ढांचे को मजबूत करने के लिए एक योजना का एलान किया। केंद्र सरकार के इस फैसले से ड्रैगन की बौखलाहट बढ़ सकती है। सरकार ने यह कदम चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में चल रहे सैन्य गतिरोध और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास के कई सेक्टर में चीन की ओर से गांव बसाने की पृष्ठभूमि में उठाया है। बॉर्डर के गावों के लिए केंद्र सरकार ने नए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (VVP) की घोषणा की है।</p>
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बजट भाषण में वित्तमंत्री ने कहा कि कम आबादी वाले बॉर्डर के गांव सीमित संपर्क और बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर अक्सर विकास से दूर रह जाते हैं। उत्तरी सीमा पर बसे ऐसे गांवों को नए वाइब्रेंट गांव कार्यक्रम के तहत कवर किया जाएगा। उन्होंने नए वाइब्रेंट गांव के मॉडल को लेकर बताया है कि इन गांवों में बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर, आवास और पर्यटन सेंटर बनाया जाएगा। इन गांवों की रोड कनेक्टिविटी बेहतर की जाएगी। दूरदर्शन और एजुकेशन चैनल के जरिए सीधे घर तक पहुंच और आजीविका सृजन के लिए समर्थन किया जाएगा। इन सभी गतिविधियों के लिए अतिरिक्त पैसे मुहैया कराए जाएंगे। मौजूदा योजनाओं को जोड़ा जाएगा। हम उनके नतीजों को परिभाषित करेंगे और लगातार उनकी निगरानी करेंगे।</p>
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इस प्रोग्राम के जरिए भारत-चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास के गांवों में रह रहे लोगों के लिए रहना आसान बनाना है। इस प्रोग्राम के तहत बॉर्डर के गांव के लोगों को हर वो सुविधा दी जाएगी जिसकी उन्हें जरूरत पड़ती है। इसके साथ ही उन्हें गांव से शहरों में प्रवास नहीं करना होगा।</p>
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बताते चलें कि, चीन ने इधर कुछ सालों में बॉर्डर इलाकों में तेजी से गांव बसाए हैं। ऐसा करके ड्रैगन अपने दावों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। भारत के साथ भूटान और नेपाल के बॉर्डर इलाकों में भी चीन गांव बसा रहा है। यहां तक कि हाल ही में ड्रैगन ने अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों के नाम बदल दिए थे जिसके बाद भारत सरकार ने चीन की जमकर लताड़ लगाई थी। चीन ने 1 जनवरी से अपने नए लैंड बॉर्डर लॉ को लागू किया है। इसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में गांवों और कस्बों के विकास और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में नागरिकों की भूमिक पर जोर दिया है।</p>
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आईएन ब्यूरो

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