Independence Day:15 अगस्त को देशभर में 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस पर हर जगह ध्वजारोहण का कार्यक्रम आयोजित होता है। अगर आप ऐसे ही कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं तो उससे पहले झंडे को फहराने और उसे उतारने और भारतीय ध्वज संहिता अवश्य पढ़ लें।
तिरंगे को फहराते समय नियमों का पालन अवश्य करें। ध्वजारोहण करते समय भारतीय ध्वज संहिता 2002 का पालन जरूर करें। कभी भी तिरंगे को सूर्यास्त के बाद नहीं फहराना चाहिए।साथ ही तिरंगे को जमीन पर भी नहीं रखना चाहिए।
15 अगस्त (Independence Day)को ध्वजारोहण के कुछ खास नियम हैं। नियम के मुताबिक ध्वजारोहण के लिए ऐसे व्यक्ति का चुनाव किया जाना चाहिए जो कि इन नियमों का पालन कर सके। झंडे को सूर्यास्त से पहले पहले फहराना चाहिए, सूर्यास्त के बाद इसकी मनाही है।
भारतीय ध्वज संहिता को 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया। इसके तहत बहुत से नियमों को लागू किया गया।
ध्वज फहराने वाली जगह को उचित स्थान दिया जाये और उसको ऐसे जगह फहराया जाए जहां से वह सभी को दिखाई दे।
तिरंगे के बगल में अगर किसी भी झंडे को लगाना है तो उसका स्थान तिरंगे के नीचे होना चाहिए।
तिरंगे को बिगुल के साथ फहराया जाना चाहिए।
अगर तिरंगा किसी कारणवश कट या फट जाए तो उसे अकेले में नष्ट किया जाये।
अगर किसी मंच पर ध्वजारोहण हो रहा है तो वक्ता सामने की ओर देखे और झंडा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए।
झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए और इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए।
अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी आवश्यक हैं।
तिरंगा किसी भी प्रकार से जमीन को नहीं छूना चाहिए।
वर्ष 2002 में भारतीय ध्वज संहिता लागू होने से पहले तिरंगा आम इंसानों द्वारा केवल 26 जनवरी या 15 अगस्त (Independence Day)को फहराया जा सकता था लेकिन अब नए नियमों के की कोई भी व्यक्ति कभी भी मर्यादित रूप में तिरंगे को फहरा सकता है।
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