भारतीय वायुसेना ने नई ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह ब्रह्मोस एक्सटेंडेड एयर वर्जन मिसाइल है जो हवा से सटीक निशाना लगा सकती है। बंगाल की खाड़ी में इसका सफल परीक्षण किया गया है। सुखोई-30 एमकेआई से इसे सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। मिसाइल ने बिल्कुल सटीक निशाना लगाया। इस सफलता के साथ ही वायुसेना को अब प्रेसिसन स्ट्राइक करने की ताकत हासिल हो गई है। साथ ही दुश्मन देशों के लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं है। भारत से सीमा साझा करते पड़ोसी देश इस वक्त अपनी बुरी नजर गड़ाए बैठे हैं। खासकर चीन और पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका है।
इस परीक्षण के साथ ही इंडियन एयरफोर्स ने सुखोई फाइटर जेट से जमीन या समुद्र में लंबी दूरी के टारगेट्स पर निशाना लगाने की क्षमता भी हासिल कर ली है। इस परीक्षण के दौरान भारतीय एयरफोर्स के साथ DRDO, भारतीय नौसेना और बीएपीएल और हिएलि (HAL) शामिल थे। ब्रह्मोस के एक्सटेंडेड वर्जन मिसाइल की वजह से सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट्स की मारक क्षमता बढ़ गई है। माना जा रहा है कि, ब्रह्मोस के इस नए वर्जन की रेंज 800 किलोमीटर गोगी। हालांकि, इस संबंध में वायुसेना या सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है।
India successfully fired Extended Range Version of BrahMos Air Launched missile from Su-30 MKI fighter aircraft. The launch from the aircraft was as planned & the missile achieved a direct hit on designated target in Bay of Bengal region: Indian Air Force
(Representative Image) pic.twitter.com/KO41nkLiJP
— ANI (@ANI) May 12, 2022
बता दें कि, करीब एक महीने पहले भी भारतयी नौसेना ने सुखोई 20 एमकेआई फाइटर जेट से डिकमीशन्ड जहाज पर ब्रह्मोस मिसाइल से लाइव फायर किया था। जहाज में मिसाइल ने एक बड़ा गड्ढा कर दिया था। अपने सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भारत सरकार लगातार टैक्टिकल मिसाइलों की रेंज को बढ़ा रही है। सिर्फ एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने से मिसाइल की रेंज में 500 किमी की बढ़ोतरी होती है।
भारतीय वायुसेना के 40 सुखोई-30 MKI फाइटर जेट पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें तैनात की हैं। ये मिसाइलें दुश्मन के कैंप को पूरी तरह से तबाह कर सकती हैं। वहीं, 2021 दिसंबर में भी वायुसेना ने सुखोई-20 एमके-1 में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया था। मिसाइल ने सटीक निशाना लगाया था। इसमें लगाया गया ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को पूरी तरह से देश में ही विकसित किया गया है। बता दें कि, आने वाले समय में ब्रह्मोस को पनडब्बियों में भी लगाया जाएगा और इस वक्त इसके नए वेरिएंट पर निर्माण तेजी से जारी है। ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत के बारे में बात करें तो ये दुश्मन के रडार में पकड़ में नहीं आती है। साथ ही ये 10 मीटर की ऊंचाई पर भी उड़ान भरने में सक्षण है। हवा में ही मार्ग बदलने में भी सक्षण है। इसके अलावा चलते-फिरते टारगेट को भी ध्वस्त कर सकता है। रडार के साथ ही किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में भी ब्रह्मोस मिसाइल सक्षम है।