भारत के खुफिया अभियान से निकली चीन की हवा, गलवान पर इसलिए झुके शी जिनपिंग- देखें रिपोर्ट

गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद चीनी आर्मी यानी सीधे तौर पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग को क्यों झुकना पड़ा इसकी कहानी अब सामने आ रही है। जानकारी मिली है कि चीन के अड़ियल रवैये और देश में गलवान की घटना को लेकर बन रहे माहौल के बीच देश सर्वोच्च नेतृत्व ने साउथ चाईना सी और मलक्का स्टेट में अपने जंगी जहाज तैनात कर दिए थे। मलक्का स्टेट में इंडियन नेवी के जंगी जहाज की तैनाती का मतलब चीन की गर्दन पर पैर रख देना है। जब चीन ने देखा कि भारत के पैरों तले उसकी गर्दन आ चुकी है तो वो बातचीत करने और अपनी सेना को पीछे बुलाने पर मजबूर हुआगलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, उसके तुरंत बाद भारतीय नौसेना ने अपने एक जंगी जहाज को दक्षिण चीन सागर में तैनात कर दिया था। चीन के लिए यह इलाका बहुत संवेदनशील है।

दक्षिण चीन सागर में भारतीय जंगी जहाज की तैनाती के बाद चीन की नौसेना और सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर जैसा सोचा था वैसा प्रभाव पड़ा और चीन राजनयिक स्तर पर बातचीत और गलवान से पीछे हटने को  मजबूर हुआ। हालांकि इस दौरान चीन ने भारतीय पक्ष से जंगी जहाजों की तैनाती को लेकर शिकायत की।

दक्षिण चीन सागर में तैनाती के दौरान भारतीय जंगी जहाज अपने अमेरिकी समकक्ष से सुरक्षित कम्युनिकेशन सिस्टम के जरिए लगातार संपर्क में था। अपनी सामान्य ड्रिल के तौर पर भारतीय जंगी जहाज को वहां मौजूद अन्य देशों के सैन्य जहाजों के मूवमेंट से लगातार अपडेट किया जाता था। ये पूरा मिशन गुपचुप तरीके से किया गया ताकि भारतीय नौसेना की गतिविधि पर लोगों की नजर न जा सके।

इसी दौरान भारतीय नौसेना ने अंडमान निकोबार द्वीप के पास मलक्का स्ट्रेट पर भी जहाज तैनात किए ताकि चीन की नौसेना की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इसी रास्ते से चीन की नौसेना हिंद महासागर के इलाकों में प्रवेश करती है। इस दौरान कई चीनी जहाज तेल के टैंकर और अन्य महाद्वीपों के लिए शिपमैंट लेकर इस रास्ते से गुजरे। भारतीय नौसेना की मौजूदगी से उनमें खौफ देखा जा सकता था।

भारतीय नौसेना स्वदेशी जहाजों, मानवरहित सिस्टम और सेंसर्स की तत्काल प्रभाव के साथ तैनाती को लेकर भी योजना बना रही है। ताकि हिंद महासागर में आने के लिए मलक्का स्ट्रेट पर होने वाली हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख सके। फिल्हाल, भारतीय नौसेना ने अपने मिग 29के लड़ाकू विमानों को भी एक विशेष वायु सेना बेस पर तैनात किया है, जहां वो पहाड़ी इलाकों में मुठभेड़ की ट्रेनिंग ले रहे हैं।.

सतीश के. सिंह

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