चन्द्रयान-3 की सफलता से लबरेज ISRO ने सूर्य की ओर पहला कदम बढ़ा दिया है। इसरो ने अपने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल-1’(Aditya-L1) को लॉन्च कर दिया है। आदित्य एल1 को शनिवार दोपहर 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। भारत के इस पहले सौर मिशन से इसरो सूर्य का अध्ययन करेगा।
इसरो के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को अंतरिक्ष में ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ यानी एल-1 कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद यह सैटेलाइट सूर्य पर होने वाली गतिविधियों का 24 घंटे अध्ययन करेगा। एल-1 सैटेलाइट को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थापित किया जाएगा।
ISRO के चन्द्रयान-3 की सफलता के बाद पहला सूर्य मिशन के लिए देशभर के लोग वैज्ञानिकों को बधाई दे रहे हैं। ISRO ने एक के बाद एक कामयबादी से देश कोक गौरवान्वित होने का मौका दिया है।
चंद्रयान-3 के बाद ISRO ने आदित्य L-1 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर फिर से देश का मान बढ़ाया है। इसरो की पूरी टीम को देशवासी शुभकामनाएं दे रहे हैं।
पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलते पेलोड हुआ अलग
इसरो के आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को कवर करने वाला पेलोड पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलते ही अलग हो गया है। फिलहाल इसरो के अनुसार तीसरा चरण अलग कर दिया गया है।
ISRO के इस गौरवपूर्ण क्षण यानी भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 की लॉंचिंग को देखने बड़ी संख्या में लोग श्रीहरिकोटा पहुंचे और उन्होंने इस क्षण को अपनी आंखों और कैमरे में कैद कर लिया।
विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर दिखाया गया लॉन्चिंग
भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल1 की लॉन्चिंग को विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से लोगों को दिखाया गया । लॉन्चिंग का लाइव प्रसारण इसरो की वेबसाइट, यूट्यूब चैनल के साथ-साथ दूरदर्शन सुबह 11 बजकर 20 मिनट से सीधा प्रसारण किया गया।
ओजोन परत पर पड़ने वाले असर का होगा अध्ययन
आदित्य मिशन भारत का पहला ऐसा मिशन है जो सूर्य के तापमान, ओजोन परत पर पड़ने वाले असर, पराबैगनी किरणों का अध्ययन करेगा। ये सैटेलाइट लॉन्च के चार माह बाद धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर एक खास जगह लैगरेंज प्वाइंट यानी L-1 पर पहुंचेगा। ये मिशन मौसम पर पड़ने वाले प्रभाव और धरती पर सौर गतिविधियों के पड़ने वाले प्रभावों को भी जानेगा।
लॉन्चिंग से पहले चेंगलम्मा मंदिर पहुंचे ISRO प्रमुख
आदित्य-एल1 मिशन के प्रक्षेपण से पहले इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ शुक्रवार सुबह सुल्लुरपेटा में श्री चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर पहुंचे। उन्होंने देश के पहले सौर मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना की।
उन्होंने कहा कि आदित्य को लैग्रेंज प्वाइंट (एल-1) तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे। चंद्रयान-3 मिशन के बारे में सोमनाथ ने कहा कि इस मिशन के तहत सब कुछ सही तरीके से काम कर रहा है। सोमनाथ ने चंद्रयान-3 मिशन की पूर्व संध्या पर भी मंदिर पहुंचे थे।
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