Jammu-Kashmir में आतंकियों की रीढ़ तोड़ने में काम आएगा ‘यूपी वाला हथियार’, सुरक्षाबलों ने कर ली पूरी तैयारी

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जम्मू-कश्मीर पुलिस आतंक की नकेल कसने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है, जिससे आतंकवादियों और उनको पनाह देने वालों की कमर टूट जाएगी। दरअसल जम्मू-कश्मीर पुलिस भी उत्तर प्रदेश की तरह आतंकियों और उनको पनाह देने वालों की सम्पति को प्रशासन कुर्क करने के आदेश जारी कर रही है। जिससे उनकी कमर टूट जाएगी।</p>
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<strong>आतंकियों को पनाह देने वालों के घर-मकान-दुकान और बागीचे होंगे जब्त</strong></p>
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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने चेतावनी दी कि अगर कोई भी आतंकवादियों और उनके सहयोगियों को पनाह देता है, तो उनकी सम्पत्ति यूएपीए के तहत जब्त कर ली जाएगी। साथ ही उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। पुलिस अधिकारियों ने जानकारी दी है कि जांच के दौरान यह पता चला है कि आरोपियों ने आतंकी हमले करने के लिए आतंकवादियों को कई बार अपने मकानों में पनाह दी है और सभी जरूरी सामान भी उपलब्ध कराया है। उनमें से एक मकान हरवान इलाके के दरबाग में अब्दुल रहमान भट का भी है। जिसका प्रयोग कई बार आतंकी गतिविधियों के लिए किया गया था। मिली जानकारी के अनुसार मकान मालिक का बेटा आशिक हुसैन भट ने इस मकान में कई बार आतंकवादियों को आश्रय दिया था।</p>
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<b>चेतावनी के साथ ही हरकत में जम्मू-कश्मीर पुलिस</b></p>
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श्रीनगर पुलिस ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके कहा कि यूएपीए के तहत आतंकवाद के उद्देश्य से इस्तेमाल की गईं संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यूएपीए अधिनियम के तहत आतंकवाद के उद्देश्य से इस्तेमाल की गईं कुछ अचल संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 25 के तहत दी गई शक्तियों के तहत, जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक ने मामले में चल-अचल संपत्ति को कुर्क-जब्त करने की मंजूरी दी है।</p>
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<strong>घाटी में मारे गए हैं कई पाकिस्तानी आतंकी </strong></p>
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केंद्र सरकार ने बताया कि, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से  यहां आतंकवादी गतिविधियों में काफी कमी देखने को मिली है। जिससे निवेश के लिए लगातार माहौल बना रहा है। 2021 में घुसपैठ में 33 प्रतिशत, संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में 90 प्रतिशत, आतंकवाद संबंधी घटनाओं में 61 प्रतिशत और आतंकवादियों द्वारा अपहरण की घटनाओं में 80 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है। 2021 में पिछले वर्ष की तुलना की जाए तो पुलिस और सुरक्षा बलों के शहीद होने वाले कर्मियों की संख्या में 33 प्रतिशत की कमी आयी है। 2021 और 2022 में अभी तक पुलिस और सुरक्षाकर्मियों से हथियार छीनने की कोई घटना देखने को नहीं मिली है। 2021 में पुलिस और सुरक्षाबलों ने 44 शीर्ष आतंकी कमांडरों सहित 180 आतंकवादियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। जिनमें से 148 स्थानीय और 32 पाकिस्तानी आतंकवादी शामिल थे।</p>
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आईएन ब्यूरो

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