राष्ट्रीय

क्यों डूब रहा है जोशीमठ? पहाड़ी शहर में 1976 से बज रही खतरे की घंटी, जानें वजह

Joshimath Sinking: इन दिनों पहाड़ों पर भूस्खलन अथवा भू-धंसाव की घटनाएं बढ़ रही हैं। मूसलाधार बारिश, तापमान बढ़ने का दुष्प्रभाव, ग्लेशियर पिघलने, ग्लेशियर झील फटने, जलवायु परिवर्तन (Climate change) , जंगलों में आग जैसे खतरों से जूझ रहे हैं। इसके अलावा अनियोजित और अवैज्ञानिक निर्माण की वजह से पहाड़ के कुछ इलाकों का अस्तित्व खतरे में आ चुका है। निचले हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाली आबादी भी इन खतरों का कई बार सामना बार-बार कर रही है, ऐसे में दरारें, दर्द और यादें… इन दिनों जोशीमठ के लोगों की बस यही कहानी है। यहां सिंगधार वार्ड में 8 मकानों को खाली कराया जा चुका है। इन घरों में वर्षों से रहने वाले लोग अपना दुखड़ा सुनाते हुए नजर आ रहे हैं। आगे की जिंदगी कैसे बसर होगी इसको लेकर सभी चिंतित हैं। इन लोगों की आंखों से निकलते आंसू इनका दर्द बयां कर रहे हैं।

उत्तराखंड के पवित्र शहर जोशीमठ में जमीन धंसने से 561 घरों में दरारें आ चुकी हैं।  धीरे-धीरे डूबते शहर को लेकर स्थानीय लोगों में भय बना हुआ है। उत्तराखंड सरकार ने भयभीत निवासियों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए 5 जनवरी को क्षेत्र में विकास कार्य पर रोक लगा दी। जोशीमठ की जांच के आधार पर गांधी नगर में 127, मारवाड़ी में 28, लोअर बाजार नृसिंह मंदिर में 24, सिंहधार में 52, मनोहर बाग में 69, अपर बाजार डाडों में 29, सुनील में 27, परसारी में 50, रविग्राम में 153 सहित कुल 561 भवनों में दरारें आई हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

यादों की कहानी बयां कर रहे आंसू

नया आशियाना तो वक्त आने पर होगा लेकिन अभी आंखों से बहते आंसू यादों की कहानी बयां कर रहे हैं। सुबह होते ही ये लोग कैंप से निकलकर अपने पुराने घरों को देखने जा रहे हैं, अपने आशियानों को निहारते हुए इनकी आंखें भर आती हैं गौरतलब है कि जोशीमठ के सिंगरार में दो होटलों के नीचे 8 आठ मकाने थे, जिन्हें खाली कराया गया है। लोगों का कहना है कि इन्हें अब तक कमाई गई पूंजी से इसे बनाया था। अब सुबह उठते हैं तो घरों को देखने के लिए जाते हैं।

घर तो मिलेगा लेकिन यादें तो वहीं रह गईं

इन्हें देखते ही इन लोगों की आंखें भर आती हैं। हर शख्स अपने घर को दूर से निहार रहा है।इसी बीच स्थानीय विधायक के यहां पहुंचने पर लोग अपना दर्द बयां करने पहुंचे। इस दौरान भरी आंखों और लड़खड़ाती जुबान के साथ कहा कि अब कहां जाएं, घर तो मिलेगा लेकिन यादें तो उन्हीं घरों में रह गईं।

ये भी पढ़े: Delhi Weather:क्रिसमस से दिल्ली में शीत लहर का अलर्ट,कड़ाके की सर्दी का सितम जारी

भू-धंसाव का इंतजार नहीं करना पड़ेगा

लोगों का कहना है कि हम सब खौफ के साए में हैं। हर मकान तिरछा हो चुका है।मकानों की स्थिति आज पूरी तरह से बदल चुकी है। यह मकान तो नहीं बचेंगे लेकिन इनसे पहले अगर दोनों होटल गिर गए तो इन मकानों को जमींदोज होने के लिए भू-धंसाव का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उधर, जोशीमठ में इन दिनों जोशीमठ बचाओ आंदोलन चल रहा है।

अन्य जगहों पर भी हो सकते हैं आंदोलन

लोगों का कहना है कि जोशीमठ को बचाया जाए। एनटीपीसी को यहां से भगाया जाए।हालांकि कारण जो भी हो लेकिन आज लोग एक बार फिर से जोशीमठ बचाव के समर्थन में आ रहे हैं। अब इसी तरह धीरे-धीरे पूरे जनपद और अन्य जगहों पर भी इस तरह की सूचना आ रही है कि अन्य जगहों पर भी इस तरह के आंदोलन हो सकते हैं।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago