Coronavirus: साल 2021 लाया महाभारत के समय जैसा संयोग, आने वाला साल होगा और भी खतरनाक !

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ये साल लोगों के लिए खुशियां कम और चिंता ज्यादा लेकर आया है। ग्रंथों की मानें को यदि गुरु किसी हिंदू नववर्ष में तीन राशियों को स्पर्श कर ले तब उससे अगले हिंदू नववर्ष में एक संवत्सर लुप्त हो जाता है। आपको बता दें कि ज्योतिषीय काल गणना पद्धति में प्रभव, विभव, शुक्ल, प्रमोद, प्रजापति समेत कुल 60संवत्सर होते है। पिछले साल 24 मार्च 2020 को हिंदू नववर्ष यानि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को प्रमादी संवत्सर था। जिसके फलों में प्रजा में रोग पीड़ा और राजाओं में विग्रह आदि कहे गए थे। संयोग से 24मार्च 2020को ही भारत में कोरोना महामारी के चलते पूरा देश को लॉकडाउन करना पड़ा।</p>
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उस समय गुरु धनु राशि में गोचर कर रहे थे और कुछ दिनों में ही वो मकर राशि में आ कर अतिचारी हो गए। गुरु सामान्यता एक राशि में एक साल तक रहते हैं लेकिन मकर राशि में वो 10महीने तक ही रहे और बाद में इस साल हिंदू नववर्ष शुरु के तीन दिन पूर्व ही कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके थे। ऐसे कर गुरु ने धनु, मकर और कुंभ तीनों राशियों को एक हिंदू नववर्ष के समय स्पर्श कर लिया था। आखिर में प्रमादी के बाद आनंद संवत्सर का लोप हो गया और राक्षस संवत्सर का उदय हुआ।</p>
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लुप्त संवत्सर का प्रभाव आनंद नाम के शुभ संवत्सर का गुरु की अतिचारी गति के कारण लुप्त हो जाने से राक्षस नामक अशुभ संवत्सर अभी चल रहा है जिसके कुप्रभाव से 12अप्रैल को शुरू हुए हिंदू नववर्ष के बाद से कोरोना महामारी की स्थिति विकराल रूप ले रही है। मई और जून के महीनों में राहु वृष राशि में चलते हुए अपनी प्रतिकूलता को बढ़ा देंगे। इससे कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को अभी और सतर्कता और सजगता से काम लेना होगा। 23मई को शनि जब मकर राशि में श्रवण नक्षत्र में वक्री होंगे तब केंद्र सरकार को कोई बड़ा फैसला लेना पड़ सकता है।</p>
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सितंबर में 13दिनों का पक्षसामान्यता एक पूर्णिमा से अमावस्या तक 15दिनों में 15तिथियां होती हैं। लेकिन कभी-कभी किसी एक तिथि के क्षय या लुप्त हो जाने से पक्ष 14दिनों का होता है तो कभी एक तिथि के बढ़ जाने पर पक्ष 16दिनों का भी हो जाता है।  लेकिन इस साल दशकों बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब कोई पक्ष 13दिनों का हो रहा है। इस पक्ष में दो तिथियों का क्षय यानी लोप हो जाएगा। भाद्रपद शुक्ल पक्ष यानी सितंबर के महीने में प्रतिपदा और त्रियोदशी तिथि का क्षय हो जाएगा।</p>
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आखिर में सितंबर महीने में पड़ रहा भाद्रपद शुक्ल पक्ष केवल 13 दिनों का ही होगा। 8 सितंबर से 20 सितंबर तक रहने वाले 13 दिनों के इस अशुभ पक्ष के बाद कोरोना महामारी की तीसरी लहर भी भारत में आ सकती है। ऐसी आशंका दिख रही है। कहा जाता है कि महाभारत युद्ध के समय भी 13 दिनों का पक्ष पड़ा था। सितंबर और उसके बाद का कुछ समय भी देश के लिए चुनौती पूर्ण हो सकता है।</p>

आईएन ब्यूरो

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