<p id="content">BJP to Counter Kisan Andolan: गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में गुरुवार को भाजपा मुख्यालय पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में सितंबर में बने तीनों कृषि कानूनों को मजबूती से डिफेंड करने के साथ किसानों का समर्थन जुटाने का निर्णय लिया गया। गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में भाजपा मुख्यालय पर महासचिवों और अन्य पदाधिकारियों के साथ मीटिंग हुई। इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों के साथ अब तक चली बातचीत में उठे मुद्दों की जानकारी दी। उन्होंने Kisan Andolan के विभिन्न पहलुओं पर सभी को अवगत कराया। किसान आंदोलन हल होने की राह में कुछ किसान संगठनों की ओर से उत्पन्न चुनौतियों की भी जानकारी दी।</p>
<a href="https://hindi.indianarrative.com/india/ramdas-athawale-farmer-leaders-dont-want-solution-movement-is-anti-farmer-21581.html">Kisan Andolan: ‘किसान नेता नहीं चाहते निकले समाधान’</a>
पार्टी सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों और भाजपा के संगठन पदाधिकारियों के बीच तय हुआ कि जनता के बीच तीनों कृषि कानूनों को मजबूती से डिफेंड करने की जरूरत है। किसान संगठनों की ओर से सुझाए गए जरूरी प्रस्ताव पर सरकार अमल करेगी, लेकिन तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग पर कोई विचार नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप देश भर में किसानों और आम जनता के बीच तीनों कृषि कानूनों की सही जानकारी देने के लिए चल रहे अभियान को और तेज करने पर मंथन हुआ।
<strong>किसानों का समर्थन जुटाएगी पार्टी</strong>
बीजेपी मुख्यालय पर हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में कहा गया कि अनेक किसान संगठनों ने तीनों कृषि कानूनों का समर्थन किया है। ऐसे में कानूनों के बारे में देश भर में सही जानकारी दिए जाने पर धीरे-धीरे और किसानों का समर्थन सरकार को मिलेगा। भाजपा कार्यकर्ताओं को किसानों के बीच जाकर समर्थन जुटाने की रणनीति पर भी चर्चा हुई।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, "कई किसान संगठनों ने कृषि सुधारों का स्वागत किया है। किसानों ने नए कानूनों का लाभ भी उठाना शुरू कर दिया है। पार्टी को महसूस हुआ है कि कानूनों को लेकर फैले भ्रम का मजबूती से काउंटर करना होगा। हम किसानों के बीच जाकर उन्हें बताएंगे कि एमएसपी पर सरकारी खरीद पहले से ज्यादा हो रही है। खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ा रही है। पिछले छह साल में एमएसपी के जरिए दोगुनी राशि किसानों के खाते में भेजी है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत छह हजार रुपये सालाना दिए जा रहे हैं। एक लाख करोड़ रुपये का कृषि इंफ्रस्ट्रक्चर फंड भी बनाया गया है।".
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