किसान आंदोलन में एक बार फिर विदेशी साजिश (Kisan Andolan Foreign Funding) की ओर इशारा करते हुए उंगली उठ रही हैं। <a href="https://hindi.indianarrative.com/vichar/farm-law-kisan-protest-in-china-pak-style-is-not-good-for-nation-says-up-kisan-leaders-21143.html"><strong><span style="color: #000080;">किसान आंदोलन</span></strong></a> को लेकर जो सबसे खतरनाक सवाल उठ रहा है वो यह है कि भूखा-नंगा पाकिस्तान भी किसानों को भड़काने और उकसाने के लिए चोर रास्तों से चंदा पहुंचा रहा है। सवाल उठ रहा है कि जिस पाकिस्तान के पास अपने लोगों का पेट भरने के लिए पैसे नहीं हैं तो वो भारत में चल रहे किसान आंदोलन को पैसा (Kisan Andolan Foreign Funding) कैसे और कहां से भेज रहा है। इस बारे में खुफिया एजेंसियों ने शक जाहिर किया है। भारत के किसान आंदोलन को उग्र बनाने के लिए चीन पाकिस्तान के रास्ते फण्डिंग (Kisan Andolan Foreign Funding) कर रहा है। यह पैसा पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के हैण्डलर्स के पास पहुंच रही है।
आईएसआई के एजेंट चीन से मिले पैसों को विभिन्न देशों में बैठे अपने ओवर ग्राउंड वर्कर्स के खातों मे जमा करवा रहे हैं और फिर उन खातों से पैसा भारत में आंदोलन कर रहे संगठनों के खातों तक पहुंच रहा है।   हालांकि अभी तक इस बात पुष्टि सरकारी स्रोतों से नहीं हुई है, लेकिन सरकार न पंजाब के कुछ बैंकों से जो जानकारी मांगी गई है उससे साफ जाहिर है कि कुछ लोगों को किसान आंदोलन को चीन-पाकिस्तान से विदेशी फण्डिंग (Kisan Andolan Foreign Funding) की जांच कर  रही है।
दरअसल, बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं ने दो हफ्ते पहले भी इस तरह की साजिश की ओर इशारा किया था। बीजेपी के नेताओं ने साफ-साफ कहा था कि किसान और मजदूरों के नाम पर खड़े किए गए सौ से ज्यादा एनजीओ को विदेशो से पैसा मिल रहा है। ये सभी संगठन देश में भ्रम फैलाकर किसान आंदोलन को सरकार विरोधी आंदोलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जिन संगठनों पर विदेशों से पैसा लेकर किसान आंदोलन में चिंगारी लगाने की साजिश का शक है उनमें <a href="https://en.wikipedia.org/wiki/Jawaharlal_Nehru_University"><strong><span style="color: #000080;">जेएनयू</span> </strong></a>के वामपंथी छात्र, महाराष्ट्र का मछुआरा संघ, सीटू और एआईकेएस जैसे संगठन खास हैं।
किसान आंदोलन में चिंगारी लगाने के लिए विदेशों से मिल रहे पैसों की पुष्टि भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहां) जोगिंदर उग्राहां ने भी की है। हालांकि भारतीय किसान यूनियन (एकता-उग्राहां) ने कहा है कि सरकार विदेशों से मिल रहे चंदे को रोकने के बहाने किसान आंदोलन पर अंकुश लगाना चाहती है। बहरहाल, किसान आंदोलन में विदेशी पैसे की बात साफ हो चुकी है। यह साफ होना बाकी है कि पैसे भेजने वाले असल में कौन लोग हैं और क्या उनकी वही मंशा है जिसकी आशंका खुफिया और सिक्योरिटी एजेंसियों ने जाहिर की है।
 
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