Kisan Drones: देश के किसानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा तोफहा- “100 किसान ड्रोन” का हुआ उद्घाटन- देखें क्या खास है

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केंद्र की मोदी सरकार लगातार किसानों और गिरबों के हित में काम कर रही है। किसानों के लिए मोदी सरकार ने कई सारी योजनाएं लॉन्च की है जिसकी मदद से उन्हें आर्थिक सहायता मिलता और खेती करने में काफी आसानी होती है। इन योजनाओं में से एक है पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) जिसके तहत करोड़ों किसानों को हर तीमाही 2000 रुपए सिधा खाते में भेजा जाता है। देश में किसानों की आय दोगुनीअत्याधुनिक बनाने के मकसद से नरेंद्र मोदी ने बड़ा कदम उठाते हुए शनिवार को खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए 100 किसान ड्रोन्स को हरी झंडी दिखाई है।</p>
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वर्चुअली आयोजित कार्यक्रम में ड्रोन्स को कीटनाशक के छिड़काव के लिए देश के अलग-अलग शहरों में छोड़ा गया। इस मौके पर पीएम ने कहा कि यह 21वीं सदी की आधुनिक कृषी व्यवस्था की दिशा में एक नया अध्याय है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि, पहले ड्रोन के नाम से लगता था कि यह सेना से जुड़ी कोई व्यवस्था है या दुश्मनों से मुकाबला करने के उपयोग में काम आने वाली चीजें हैं लेकिन अब यह 21वीं सदी की आधुनिक कृषि व्यवस्था की दिशा में एक नया अध्याय है। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि, मुझे विश्विस है कि न केवल यह शुरुआत ड्रोन सेक्टर के विकास में मील का पत्थर साबित होगी बल्कि इसमें संभावनाओं का अनंत आसमान भी खुलेगा।</p>
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प्रधानमंत्री ने कहा कि, मुझे बताया गया है कि गरुड़ एयरोस्पेस ने अगले 2 सालों में 1 लख मेड इन इंडिया ड्रोन बनाने का लक्ष्य रखा है। इससे युवाओं के लिए नए रोजगार और नए अवसर पैदा होंगे। अभी हाल हीमें बीटिंग रिट्रीट समाारोह के माध्यम से 100 ड्रोन दिखाए गए थे। उन्होंने कहा कि, देश में  स्वामीत्व योजना के तहत ड्रोन तकनीक के माध्यम से भूमि का दस्तावेजीकरण किया जा रहा है, देश के कई हिस्सों को ड्रोन के जरिए दवाएं और टीके उपलब्ध कराए जा रहे हैं और अब इसका उपयोग फसलों पर कीटनाशकों और कई अन्य चीजों के छिड़काव के लिए भी किया जा रहा है।</p>
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इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि, किसान ड्रोन एक नई बढ़त क्रांति की शुरुआत करेगा क्योंकि उच्छ क्षमता वाले ड्रोन का इस्तेमाल खेतों से सीधे बाजार तक सब्जियां, फल, मछली पकड़ने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि, इन चीजों को कम से कम नुकसान के साथ बाजार में उपलब्ध कराया जा सकता है, जिससे कम समय लगता है। इससे किसानों और मछुआरों को अतिरिक्त आय होगी।</p>
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आईएन ब्यूरो

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