LCA Tejas: चीन-पाकिस्तान को छोड़ मलेशिया की पहली पसंद बना Made in India हल्का लड़ाकू विमान तेजस

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भारत का सबसे हल्का सुपरसोनिक लड़ाकू विमान तेजस- एलसीए आज पूरे देश में अपना डंका बजा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत के सबसे बड़े दुश्मन पाकिस्तान के दोस्त मलेशिया ने इस विमान को खरीदने की पेशकश की है।एलसीए की प्रतिस्पर्धा में चीन का जेएफ-17 जेट, दक्षिण कोरिया का एफए-50 और रूस का मिग-35 के साथ-साथ याक-130जैसे विमान भी शामिल थे। लेकिन मलेशिया ने इन सभी को पीछे छोड़कर तेजस को खरीदने के लिए आगे आया है। जिसके बाद से पाकिस्तान समेत कई देशों में खलबली मची हुई है। अब ये विमान भारतीय वायु सेना के बाद मलेशिया के वायु सेना में भी शामिल होने वाला है। वहीं अब भारत और मलेशिया के बीच डील अंतिम दौर में चल रही है।</p>
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भारत को मलेशिया की ओर से विमान के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल की सुविधा स्थापित करने की भी पेशकश की गई है। जिसके बाद भारत के इंजीनियर मलेशिया में इसकी मरम्मत करेंगे। क्योंकि यूक्रेन में हमले के कारण मास्को के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंध लगे हैं। जिससे रूस से विमान के लिए पुर्जों की खरीद में कठिनाइयों आ रही है। मलेशिया के साथ होने वाली डील की जानकारी खुद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के प्रबंध निदेशक और चेयरमैन आर माधवन ने दी है।</div>
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पिछले साल फरवरी में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए 83 तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड-एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का डील की थी। वहीं एक बार फिर से अब भारत ने तेजस के एमके-2 के साथ-साथ पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) को विकसित करने के लिए भी पांच अरब अमेरिकी डॉलर की महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू कर दिया है। जिससे भारत के पड़ोसी देशों में खलबली मच गई है।</div>
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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारानिर्मित तेजस एक एकल इंजन और अत्यधिक सक्षम बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है, जो उच्च-खतरे वाले वायु वातावरण में संचालन में सक्षम है। भारत ने तेजस के एमके-2 संस्करण के साथ-साथ पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) को विकसित करने के लिए पांच अरब अमेरिकी डॉलर की महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू कर दिया है</div>

आईएन ब्यूरो

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