West Bengal Election 2021: प. बंगाल में मतुआ वोटर्स बना देंगे BJP की सरकार! ओराकांडी मंदिर में पीएम मोदी को देख बौखलाई ममता दीदी

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बांग्लादेश के ओराकांडी में मतुआ मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी की पूजा अर्चना और मतुआ समुदाय से बात-चीत करने से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुरी तरह चिढ़ गई है। ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा दिया है। ममता बनर्जी ने कहा है कि वो प्रधानमंत्री मोदी की बंगाल यात्रा के खिलाफ शिकायत करेंगी। दरअसल, ममता बनर्जी को आभास हो गया है कि मतुआ मंदिर में प्रधानमंत्री मोदी के जाने से पश्चिम बंगाल में रहने वाले मतुआ मतदाताओं पर असर पड़ेगा। मतुआ मतदाता मोदी के मंदिर जाने से प्रभावित हो जाएंगे और बीजेपी की पक्ष में वोट कर सकते हैं। पश्चिम बंगाल में लगभग एक करोड़ 70 लाख मतुआ मतदाता हैं।</p>
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1971 में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की सेना ने सबसे ज्यादा अत्याचार इन्हीं मतुआ हिंदुओं पर किए थे। उस समय मतुआ समुदाय के लोग बड़ी संख्या में पलायन कर भारत में आ गए थे। वोट की राजनीति से प्रेरित राजनीतिक दलों ने बंगाल से आए मतुआ को वोटिंग राइट तो दे दिए लेकिन उन्हें अभी तक भारत की नागरिकता नहीं दी गई। लेफ्ट के लंबे शासन के बाद जब ममता बनर्जी का शासन आया तो मतुआ वोटर्स ने ममता का साथ दिया लेकिन 10 साल बीतने बाद भी ममता बनर्जी ने मतुआ हिंदुओं को नागरिकता नहीं दी।</p>
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Blessed moments from Orakandi. <a href="https://t.co/BYbP97adNF">pic.twitter.com/BYbP97adNF</a></p>
— Narendra Modi (@narendramodi) <a href="https://twitter.com/narendramodi/status/1375759123707400193?ref_src=twsrc%5Etfw">March 27, 2021</a></blockquote>
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बीजेपी ने मतुआ हिंदओं के बीच जाकर खूब काम किया और उन्हें आश्वस्त किया कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सरकार आती है तो मतुआ हिंदुओं को नागरिकता के सभी अधिकार दिए जाएंगे। गृहमंत्री अमित शाह ने भी चुनावी सभाओं इस आश्वासन को दोहराया है। अब प्रधानमंत्री मोदी के मतुआ समुदाय के मंदिर में जाने से लगभग तय हो गया है कि बीजेपी सत्ता में आते ही मतुआ समुदाय को वो सभी अधिकार देगी जो भारतीय नागरिकों को हासिल हैं।</p>
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इसे भी देखें: <a href="https://hindi.indianarrative.com/india-news/west-bengal-assembly-election-2021-bjp-tmc-what-will-matua-community-decide-25283.html"><strong>मतुआ दलित मतदाताओं की सहानुभूति बीजेपी के साथ</strong></a></p>
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ध्यान रहे, पश्चिम बंगाल की 70 सीटों पूर मतुआ समुदाय प्रभाव है। मतलब यह कि मतुआ जिसके साथ सरकार उसकी। इन 70 सीटों में से 40 विधान सभा में मतुआ वोटर्स ही हैं। 20 सीटे ऐसी ही जहां मतुआ वोटर्स का दबदबा है। और 10 सीटें ऐसी हैं मतुआ हार जीत के अंतर को कम या ज्यादा कर सकते हैं।</p>
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बहरहाल, पीएम मोदी ने शनिवार को ओराकांडी के मतुआ समुदाय के मंदिर पहुंचे, जहां उन्हें पूजा अर्चना की। ओराकांडी वो जगह है जहां मतुआ समुदाय के संस्थापक हरिशचंद्र ठाकुर का जन्म हुआ था। पीएम मोदी ने कहा कि मैं कई सालों से इस अवसर का इंतजार कर रहा था। बांग्लादेश की 2015की यात्रा के दौरान मैंने ओराकांडी आने की इच्छा जाहिर की थी और वो इच्छा पूरी हो गई।</p>
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पीएम मोदी ने कहा कि मुझे याद है, पश्चिम बंगाल में ठाकुरनगर में जब मैं गया था, तो वहां मेरे मातुआ भाइयों-बहनों ने मुझे परिवार के सदस्य की तरह प्यार दिया था। विशेष तौर पर ‘बॉरो-मां’ का अपनत्व, मां की तरह उनका आशीर्वाद, मेरे जीवन के अनमोल पल रहे हैं।</p>
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पीएम ने कहा कि मैं बांग्लादेश के राष्ट्रीय पर्व पर भारत के आपके 130करोड़ भाइयों-बहनों की तरफ से आपके लिए प्रेम और शुभकामनाएं लाया हूं। आप सभी को बांग्लादेश की आज़ादी के 50साल पूरे होने पर ढेरों बधाई, हार्दिक शुभकामनाएं। पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच हमारा रिश्ता जन-जन का, मन से मन का है।</p>
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मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद पीएम मोदी ने मतुआ समुदाय को संबोधित किया। एक शख्स से बातचीत का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि किस ने सोचा था कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री यहां आएगा और मतुआ समुदाय के मंदिर में पूजा करेगा।</p>
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पीएम मोदी ने कहा कि हरिशचंद्र देव जी के जीवन ने हमको एक और सीख दी है। उन्होंने ईश्वरीय प्रेम का भी संदेश दिया, लेकिन साथ ही हमें हमारे कर्तव्यों का भी बोध कराया। उन्होंने हमें ये बताया कि उत्पीड़न और दुख के विरुद्ध संघर्ष भी साधना है।हरिशचंद देव जी की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने में, दलित-पीड़ित समाज को एक करने में बहुत बड़ी भूमिका उनके उत्तराधिकारी श्री श्री गुरुचंद ठाकुर जी की भी है। श्री श्री गुरुचंद जी ने हमें ‘भक्ति, क्रिया और ज्ञान’ का सूत्र दिया था।</p>
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प्रधानमंत्री मोदी ने ओराकांडी में मतुआ मंदिर में भले पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों की चर्चा न को, भले ही भारत में रहने वाले मतुआ समुदाय के लिए कोई ऐलान न किया हो लेकिन पिछले 50 साल से भारतीय नागरिकता को तरस रहे पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय में आशा की किरण जागी है। क्यों कि 50 सालों में पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री बंगाल में उनके बीच पहुंचा है।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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