मिलिए भारत की इन महिलाओं से जिनका दुनिया में बज रहा है डंका!

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भारत की बेटियों पूरी दुनिया में देश का नाम रौशन कर रही हैं। चाहे वो अंतरिक्ष विज्ञानी स्वाति मोहन (Swati Mohan) हों या फिर अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस। अभी जनवरी में कमला हैरिस  (Kamala Harris) ने अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। भारतीय-जमेकन मूल की हैरिस ने शुरुआत में डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनना चाहा था लेकिन बाद में जो बाइडन ने उन्हें अपने साथी के रूप में चुना। कमला हैरिस भले ही अमेरिका में पली-बढ़ी हो लेकिन उन्होंने अपनी भारतीय जड़ें नहीं छोड़ी हैं।</p>
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कमला हैरिस की तरह ही कुछ और भारत की बेटियां हैं जो दुनिया में अपना और अपने देश का नाम रौशन कर रही हैं। हम आपको मिलबाते हैं ऐसी ही कुछ भारत की बेटियों से ।</p>
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<strong>डा. स्वाति मोहन</strong></p>
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जब सारी दुनिया इस रोवर के ऐतिहासिक लैंडिग को देख रही थी उस दौरान कंट्रोल रूम में बिंदी लगाए स्वाति मोहन नासा के जीएन एंड सी सबसिस्टम और पूरी प्रोजेक्ट टीम को लीड कर रही थीं। स्वाति मोहन की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इस मिशन की सफलता में भारतीय-अमेरिकी डॉ स्वाति मोहन ने अहम भूमिका निभाई है। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा मंगल ग्रह पर अपना रोवर उतार दिया है। इस ऐतिहासिक मिशन को सफलतापूर्वक संचालित करने वाली नासा की टीम की अगुवाई भारतीय मूल की अमेरिकी इंजीनियर डॉ. स्वाति मोहन कर रही थीं। उन्होंने मिशन के ऊंचाई पर रोवर के कंट्रोल और रोवर की लैंडिंग सिस्टम को अंजाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।</p>
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स्वाती मोहन ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की। बाद में मैसेच्यूसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (MIT) से उन्होंने एयरोनॉटिक्स / एस्ट्रोनॉटिक्स में पीजी और पीएचडी पूरी की है। स्वाति मोहन नासा के पेसाडेना स्थित जेट प्रोपल्सन लैब में शुरुआत से ही पर्सविरन्स रोवर मिशन की सदस्य रही हैं। वह नासा की कई अहम मिशन का भी हिस्सा रही हैं। भारतीय मूल की अमेरिकी शनि और चंद्रमा से जुड़े नासा के मिशन की भी हिस्सा रही हैं।</p>
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<strong>उषा राव-मोनारी</strong></p>
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कुछ ही दिन पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने भारत की अग्रणी इंवेस्टमेंट प्रोफेशनल उषा राव-मोनारी को अवर महासचिव और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम का संयुक्त प्रशासक नियुक्त किया है। राव-मोनारी ने पहले ब्लैकस्टोन पोर्टफोलियो की एक कंपनी ग्लोबल वाटर डेवलपमेंट पार्टनर्स की मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में किया है और वह विश्व बैंक समूह के हिस्सा अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम में सतत व्यापार सलाहकार समूह की निदेशक समेत कई वरिष्ठ पद संभाल चुकी हैं।</p>
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राव-मोनारी ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स / स्कूल ऑफ बिजनेस’ से अंतरराष्ट्रीय मामलों एवं वित्त में स्नातकोत्तर की डिग्री और मुंबई स्थित जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से प्रबंधन अध्ययन में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में बी.ए. ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की है।</p>
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<strong>भव्या लाल</strong></p>
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भारतवंशी भव्या लाल को अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का कार्यकारी प्रमुख बनाया गया है। भव्या बाइडेन टीम की हिस्सा हैं और वह एजेंसी में परिवर्तन का काम देखती है। भव्या लाल नासा के लिए जो बाइडेन प्रेसिडेंशियल ट्रांजिशन एजेंसी रिव्यू टीम की सदस्य के तौर पर काम कर चुकी हैं। उनका काम बाइडेन प्रशासन में एजेंसी के ट्रांजिशन को देखना था। नासा के मुताबिक, भव्या लाल एजेंसी में बजट और फाइनेंस पर सीनियर एडवाइजर के तौर पर भी अपनी सेवाएं देंगी।</p>
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भव्या लाल के पास मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से न्यूक्लियर इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ साइंस, और मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री है। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से टेक्नोलॉजी और पॉलिसी में मास्टर ऑफ साइंस भी की भी पढ़ाई उन्होंने की है। वहीं, जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से उन्होंने पब्लिक पॉलिसी एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है।</p>
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<strong>फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ</strong></p>
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इस साल 26 जनवरी के परेड में सबका ध्यान खींचा फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ ने। भावना कंठ ने रिपब्लिक डे 2021 की परेड में भाग लिया और इसी के साथ वह परेड में भाग लेने वाली पहली महिला फाइटर पायलट बन गईं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना की उम्र 28 साल है। वह भारतीय वायुसेना में पहली महिला लड़ाकू पायलटों में से एक हैं।</p>
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भावना ने नवंबर 2017 में फाइटर स्क्वॉड्रन को जॉइन किया। उन्होंने मार्च 2018 में अकेले फाइटर एयरक्राफ्ट मिग-21 को सफलतापूर्वक उड़ाया। ये उनकी पहली अकेले की उड़ान थी।</p>
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भावना के पिता बेगुसराय में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में काम करते थे, इसलिए भावना की स्कूलिंग यहीं से हुई। उन्होंने बेंगलुरु के बीएमएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। साल 2015 जनवरी को  वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर भावना की नियुक्ति हुई। प्रमोशन के बाद वे फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर पहुंची हैं। फ्लाइंग ऑफिसर के तौर पर उनका चयन साल 2016 के 18 जून को हुआ।</p>
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<strong>डा. सौम्या स्वामीनाथन</strong></p>
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सौम्या स्वामीनाथन ने एक भारतीय बाल रोग विशेषज्ञ और विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक हैं। सौम्या स्वामीनाथन  वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) ने हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन को दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण महिलाओं में से एक माना है, जो कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई कर रही हैं।</p>
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एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के रूप में स्वामीनाथन वैक्सीन विकास पर विश्व स्तर पर काम कर रही हैं और महामारी से निपटने के लिए देशों का मार्गदर्शन कर रहीं हैं। वह उन शंकाओं को भी दूर कर रही हैं जो कोविड टीकों को लेकर फैलाई जा रही है।</p>

Gyanendra Kumar

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