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पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर &#39;राष्ट्र की बेटियों&#39; को सलाम किया और बालिका सशक्तीकरण की दिशा में काम करने वाले सभी लोगों की प्रशंसा की। मोदी ने ट्वीट कर कहा,&nbsp; राष्ट्रीय बालिका दिवस पर, हम विभिन्न क्षेत्रों में हमारी हैशटैगदेशकीबेटी और उनकी उपलब्धियों को सलाम करते हैं। केंद्र सरकार ने कई पहल की है, जो बालिकाओं को सशक्त बनाने पर जोर देती है, जिनमें शिक्षा तक बेहतर पहुंच, स्वास्थ्य सेवा और लिंग संवेदनशीलता में सुधार शामिल है।</p>
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आज का दिन विशेष रूप से बालिकाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम करने वाले सभी लोगों की सराहना करने और यह सुनिश्चित करने का दिन है कि वो लड़कियों का सम्मान करें और उन्हें अवसर दें। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने 2008 में राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरूआत की थी, ताकि भारतीय समाज में व्याप्त विषमताओं पर लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके।&nbsp;</p>
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यूएन उप प्रतिनिधि ने कहा, निडर होकर ख्वाब देखो&nbsp;</h3>
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राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर यूएन वीमेन के लिए भारत में उप प्रतिनिधि के तौर पर कार्य कर रही निष्ठा सत्यम ने राष्ट्रीय बालिका दिवस की सभी को शुभकामनाएं दी। निष्ठा सत्यम ने कहा कि आज का दिन एक ऐसा दिन है जो हमारे जीवन, साहित्य और इकोनॉमी में बहुत महत्वपूर्ण है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि देश की महिलाओं के लिए बहुत कुछ करना बाकी है।</p>
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उन्होंने बताया, बालिकाओं की शिक्षा के लिए हम कई तरह से काम कर रहे हैं। हमारा सबसे बड़ा अभियान &#39;सेकंड चांस&#39; है, इसका मतलब एक दूसरा अवसर देना है। हम नेशनल ओपन डे स्कूल के साथ काम करते हैं, जिसमें महिलाओं को 10वीं और 12वीं कक्षा का सर्टिफिकेट मिलता है। हम मिनिस्ट्री ऑफ डेवलपमेंट के साथ ट्रेनिंग पर भी काम करते हैं।</p>
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देशभर में महिलाओं और बालिकाओं के साथ हो रही हिंसा पर निष्ठा ने कहा, महिलाओं के साथ हिंसा होना न शहर का मुद्दा है और न ही गांव का, वो हर गली और घर का मुद्दा है।हम इन हिंसाओं को रोकने के लिए महिला के कई पहलुओं पर काम करते हैं। केंद्र, राज्य सरकारों और पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर काम करते हैं, जिसका असर देखने को भी मिलता है।</p>
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दरअसल, महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 2015में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरूआत हुई थी। सरकार का &#39;बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ&#39; अभियान लड़कियों के लिए चलाया गया एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान के तहत लड़कियों और महिलाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया जाता है। इस मसले पर निष्ठा ने कहा, हमने बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ और सरकार के अन्य अभियानों पर एक मूल्यांकन मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार के साथ किया था। जिसके हमारे पास बहुत अच्छे नतीजे हैं।</p>
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इन अभियानों के तहत पुरुषों ओर उनकी सोच में भी बदलाव देखने को मिला है।हाल ही के दिनों में कुछ राज्यों में लव जिहाद कानून पर भी निष्ठा ने अपने विचार रखे, उन्होंने कहा कि, कोई भी कानून, सरकार और हम कुछ भी करें, जिसमे महिला की आवाज, पसंद का सम्मान न हो वो कानून महिलाओं के हित मे नहीं होता।</p>
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