नेताजी की पुण्यतिथि 18 अगस्त को मनाए जाने से उनके वंशज निराश

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के कुछ सदस्य और कार्यकर्ता इस बात से खुश नहीं हैं कि कुछ नेता 18 अगस्त को बोस की पुण्यतिथि मनाना जारी रखे हुए हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं।

नेताजी के पड़पोते और कार्यकर्ता इंद्रनील मित्रा ने कहा, " यह बिल्कुल गलत है। नेताजी की पुण्यतिथि के रूप में तारीख का कोई सवाल ही नहीं है। यहां तक कि न्यायमूर्ति मुखर्जी आयोग ने भी यह कहा है कि नेताजी की विमान दुर्घटना में मौत नहीं हुई थी।"

18 अगस्त को नेताजी की 75वीं पुण्यतिथि के विवाद के बीच कई और लोगों ने भी यह मानने से इनकार कर दिया कि उनकी मौत विमान दुर्घटना में हुई थी। इन लोगों का मानना है कि नेताजी बुढ़ापे तक जीवित रहे और उनकी मृत्यु एक अनसुलझा रहस्य बनी हुई है। मित्रा ने कहा कि 18 अगस्त को महान स्वतंत्रता सेनानी की पुण्यतिथि के रूप में मना रहे लोगों को देखकर वह बेहद निराश हैं।

उन्होंने कहा, विमान दुर्घटना का की कहानी जवाहरलाल नेहरू और उनके सहयोगियों द्वारा भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपनी राजनीतिक स्थिति को सुरक्षित करने के लिए फैलाई गई थी। उन्होंने नेताजी को युद्ध अपराधी घोषित किया, फिर पूरे देश में नेताजी की हवाई दुर्घटना में मौत की कहानी को लागू किया गया, जबकि दुर्घटना की पुष्टि करने के लिए कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।

मित्रा ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने एक विशेष परिवार के राजनीतिक हितों को सुरक्षित करने के लिए नेताजी के परिवार पर दो दशकों से अधिक समय तक जासूसी की।

18 अगस्त, 1945 को ताइवान में हुए विमान हादसे के बाद से नेताजी की मौत कैसे हुई, इस बारे में कई कहानियां सामने आई हैं। इनमें यह कहानी भी मानी जाती है कि क्या वे गुप्त रूप से जीवित रहे या किसी अन्य तरीके से मारे गए।

नेताजी के जीवनकाल में गहरी रूचि रखने वाले शोधकर्ता एवं लेखक डॉ. जयंत चौधरी ने कहा कि यह जानना कष्टप्रद है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नेताजी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय जैसे कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं और अन्य लोगों ने भी नेताजी को सोशल मीडिया पर सम्मान दिया और इस दिन को उनकी पुण्यतिथि के रूप में चिह्नित किया।

उन्होंने न्यायमूर्ति मुखर्जी जांच आयोग का हवाला देते हुए इस बात पर जोर दिया कि इसकी काफी संभावना है कि नेताजी की मृत्यु विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी।

वहीं नेताजी की पड़पोती राजश्री चौधरी ने भी 18 अगस्त 1945 को नेताजी की मृत्यु पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रमाण मिल हैं कि इसके बाद भी नेताजी ने कई लोगों से मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि इन लोगों में 1968 में रूस के ओम्स्क में क्रांतिकारी वीरेंद्रनाथ चट्टोपाध्याय के बेटे निखिल चट्टोपाध्याय भी शामिल थे।

चौधरी ने कहा कि 2000 में मुखर्जी आयोग के समक्ष दायर एक शपथपत्र में चट्टोपाध्याय के हवाले से कहा गया था कि बोस रूस में छिपे हुए थे, क्योंकि उन्हें खुद पर भारत में युद्ध अपराधी के रूप में मुकदमा चलाने की आशंका थी। नेताजी की पड़पोती ने कहा कि 18 अगस्त, 1945 के बाद नेताजी के कई रेडियो भाषण भी सामने आए थे।.

डॉ. शफी अयूब खान

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago