प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला रविवार 28 मई को इस नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का नेतृत्व करेंगे, जो राष्ट्र को समर्पित होगा।
भले ही उद्घाटन का सटीक विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है,लेकिन ANI को विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से पता चला है कि उद्घाटन दो चरणों में होगा। सूत्रों ने एएनआई को बताया कि उद्घाटन समारोह से पहले की रस्में सुबह शुरू होंगी और इसे संसद में गांधी प्रतिमा के पास एक पंडाल में आयोजित होने की संभावना है। पीएम मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और सरकार के कुछ वरिष्ठ मंत्रियों के समारोह में शामिल होने की संभावना है।
बताया जा रहा है कि पूजा के बाद गणमान्य लोग नये भवन में लोकसभा के कक्ष और राज्यसभा कक्ष के परिसर का निरीक्षण करेंगे। संभावना है कि लोकसभा कक्ष में स्पीकर की कुर्सी के ठीक बगल में कुछ अनुष्ठानों को करने के बाद पवित्र ‘सेंगोल'(पारंपरिक रूप से सत्ता हस्तांतरित का प्रतीक) स्थापित किया जायेगा, जिसके लिए इसे डिज़ाइन करने वाले मूल जौहरी सहित तमिलनाडु के पुजारी उपस्थित होंगे।
सूत्रों का कहना है कि नये संसद भवन के परिसर में एक प्रार्थना समारोह भी आयोजित किया जायेगा।
सुबह का चरण क़रीब 9:30 बजे समाप्त होगा, जिसके बाद समारोह का दूसरा चरण दोपहर में पीएम मोदी सहित सभी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में लोकसभा कक्ष में राष्ट्रगान के गायन के साथ शुरू होने की उम्मीद है।
इस चरण के दौरान राज्यसभा के उपसभापति, हरिवंश द्वारा भाषण दिया जायेगा, जो राज्यसभा के सभापति, जगदीप धनखड़ की ओर से एक लिखित बधाई संदेश पढ़ेंगे। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का लिखित संदेश भी पढ़ा जायेगा।
वास्तव में नयी संसद के निर्माण की प्रक्रिया, भवन और उसके महत्व के बारे में बात करने के लिए उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों के लिए दो लघु ऑडियो-वीडियो फ़िल्में भी दिखायी जायेंगी।
लोकसभा अध्यक्ष, जो संसद के संरक्षक हैं,वह भी इस अवसर पर भाषण देंगे।
इस अवसर पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता के भाषण के लिए भी एक स्लॉट रखा गया है। हालांकि, यह ज्ञात है कि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के रविवार को समारोह में शामिल होने की संभावना नहीं है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने कई विपक्षी दलों के साथ इस उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है।
सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पीएम मोदी ऐतिहासिक अवसर पर एक सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे और इस अवसर पर अपना भाषण भी देंगे, जिसके बाद महासचिव लोकसभा धन्यवाद प्रस्ताव देंगे।
विपक्ष के बहिष्कार के आह्वान के बीच केंद्र को 25 राजनीतिक दलों की एक पक्की सूची मिली है, जिनमें कुछ ऐसे भी हैं, जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा नहीं हैं, जो 28 मई को इस नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे।
भाजपा के अलावा, अन्नाद्रमुक, अपना दल, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया, शिवसेना के शिंदे गुट, एनपीपी और एनपीएफ़ सहित एनडीए में कई दलों ने रविवार को होने वाले इस समारोह में भाग लेने की पुष्टि की है।
उद्घाटन के लिए बीजू जनता दल, टीडीपी और वाईएसआरसीपी सहित कई तटस्थ दल मौजूद रहेंगे।
रविवार को होने वाले समारोह में विपक्षी दलों में शिरोमणि अकाली दल (शिअद), बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) और जनता दल-सेक्युलर भी शामिल होंगे।
यह सूची कांग्रेस सहित 19 विपक्षी दलों द्वारा संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार की घोषणा करने वाले एक संयुक्त बयान के बाद आया है।
28 मई को होने वाली नयी संसद की इमारत के उद्घाटन के लिए निमंत्रण भौतिक रूप से और साथ ही ई-निमंत्रण के माध्यम से भी भेजा गया है।
सूत्रों ने एएनआई को बताया कि दोनों सदनों के मौजूदा सदस्यों के अलावा लोकसभा के पूर्व अध्यक्षों और राज्यसभा के पूर्व सभापति को निमंत्रण भेजा गया है। उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है। भारत सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों को भी निमंत्रण भेजा जा चुका है।
इस नये संसद भवन के मुख्य वास्तुकार बिमल पटेल और प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा, जिनकी कंपनी टाटा ने इस नये भवन का निर्माण किया है, को भी इस नये भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया है।
फ़िल्मी सितारों और खिलाड़ियों सहित कुछ प्रमुख हस्तियों को भी निमंत्रण भेजा गया है।
नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत और प्रशासन के बनाये रखने की भावना का प्रतीक है
संसद का वर्तमान भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था और अब लगभग 100 साल पुराना होने जा रहा है। इस भवन में वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप स्थान के अभाव को महसूस किया जा रहा था। दोनों सदनों में सांसदों के बैठने की सुविधाजनक व्यवस्था का भी अभाव था, जिससे सदस्यों की कार्यकुशलता प्रभावित हो रही थी।
उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने प्रस्ताव पारित कर सरकार से संसद के लिए एक नयी इमारत बनाने का आग्रह किया था। नतीजतन, 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के इस नये भवन की आधारशिला रखी गयी। नवनिर्मित संसद भवन को गुणवत्तापूर्ण निर्माण के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है।
अब संसद का नवनिर्मित भवन, जो भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को और समृद्ध करने का काम करेगा, अत्याधुनिक सुविधाओं से भी लैस है, जो सदस्यों को अपने कार्यों को बेहतर ढंग से संपादित करने में मदद करेगा।
नये संसद भवन से 888 सदस्य लोकसभा में बैठ सकेंगे।
संसद के वर्तमान भवन में लोक सभा में 543, जबकि राज्य सभा में 250 सदस्यों के बैठने का प्रावधान है।
भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 सदस्यों और राज्य सभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गयी है। दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चैंबर में होगा।
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