ना-पाक साजिश, किसान आंदोलन को हाईजैक करने की कोशिश में ISI, हवाला की रकम के साथ एक गिरफ्तार

किसानों के आंदोलन को अवांछनीय ताकतों के द्वारा हाईजैक किए जाने का खतरा और बढ़ गया है। ऐसी जानकारी है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी <a href="https://en.wikipedia.org/wiki/Inter-Services_Intelligence"><strong><span style="color: #000080;">आईएसआई</span> </strong></a>(Pak Agency ISI) किसानों के आंदोलन को हाईजैक करने की साजिश कर रही है। आईएसआई (Pak Agency ISI) की साजिश के खुलासे  के साथ किसान आंदोलन से जुड़े नेताओं की सुरक्षा का मुद्दा भी गंभीर होता जा रहा है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने किसानों के धरना स्थल से एक शख्स को 16 लाख रुपये कैश के साथ गिरफ्तार किया है। यह शख्स के अमृतसर से भी कुछ लिंक मिले हैं। इस शख्स का नाम दलबीर सिंह बताया जा रहा है। हवाला की आशंका को देखते हुए ईडी भी सक्रिए हो गई है। ईडी एक यूनिट इस मामले की छानबीन के लिए अमृतसर रवाना हो चुकी है। सुरक्षा एजेंसियां यह पता करने की कोशिश कर रही हैं कि इस शख्स का आईएसआई ((Pak Agency ISI)) से कोई लिंक तो नहीं है।

सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों से ऐसे इनपुट मिल रहे हैं कि पाकिस्तान पर्दे के पीछे रह कर <a href="https://hindi.indianarrative.com/india/modi-government-litmus-test-what-will-happen-if-kisan-andolan-2020-not-gets-end-20399.html"><strong><span style="color: #000080;">किसान आंदोलन</span></strong></a> को हाईजैक करने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई खालिस्तानी आतंकियों को इस आंदोलन से जोड़ने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। एक जानकारी के मुताबिक आईएसआई ने किसान आंदोलन को हाईजैक करने के लिए कई बिलियन डॉलर खर्च कर रही है। इन्हीं में से 1 बिलियन डॉलर आंदोलन कारी किसान नेताओं तक किसी न किसी तरह पहुंचाने की कोशिश की जारही है। खुफिया एजेंसियों के पास ऐसे सौ से ज्यादा संगठनों की जानकारी पहुंची है जिन्हें आईएसआई इस्तेमाल कर सकती है। किसान आंदोलन को आक्रामक और हिंसक बनाने के लिए इन्हीं संगठनों के माध्यम से पैसा पहुंचाए जाने की आशंका है।

दिल्ली में किसान आंदोलन के बीच 16 लाख रुपये नकद के साथ पकड़े गए दलबीर सिंह को ऐसे ही अवांछनीय तत्वों का 'एक मामूली हथियार' माना जा रहा है। हालांकि, जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है। फिर भी माना जा रहा है कि दलबीर सिंह की शक्ल में सुरक्षा एजेंसियों को बड़ा ब्रेक थ्रू मिला है। सरकार ने किसानों को इस आशंका से भी अवगत करा दिया है। किसानों ने संदेश भिजवा दिया है कि उनकी मांगों पर संशोधन किया जा रहा है, इस बीच आंदोलन को अवांछनीय तत्वों से बचाने के निर्देश भी दिए गए हैं।.

सतीश के. सिंह

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