Afghanistan में डूबने वाली है Pakistan PM इमरान खान की नैया, चीन-अमेरिका और Taliban तीनों नाराज!

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कहा जाता है कि दो नावों की सवारी खतरनाक होती है, लेकिन इसे पाकिस्तान का शातिरानापन कहें या नादानी कि वो दो नहीं तीन-तीन नावों पर एक साथ सवारी कर रहा है। इस नादानी का उसे नतीजा भी मिलना शुरू हो गया है। चीन ने सीपेक का काम रोक दिया है और तालिबान ने भी गुस्सा जाहिर किया है।</p>
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इमरान सरकार के रवैये से चिढ़ कर चीन ने पाकिस्तान के उन सभी ओहदेदारों को वीजा देने से इंकार कर दिया है जिनके पास अमेरिका की नागरिकता है। कोहिस्तान में बस धमाके के बाद बीजिंग के सामने माफी-तलाफी के लिए विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और डीजी आईएसआई फैज हामिद को तो वीजा दे दिया मगर एनएसए मोइद यूसुफ को वीजा देने से इंकार कर दिया।</p>
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मोइद यूसुफ अमेरिकी नागरिक तो हैं वो पाकिस्तान लौटने से पहले अमेरिकी थिंक टैंक का हिस्सा भी रहे हैं। चीन मोइद यूसुफ पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं करता। वहीं इमरान खान अफगानिस्तान में तालिबान को लेकर अमेरिका और चीन दोनों को ब्लैकमे करना चाहता है। चीन और अमेरिका पाकिस्तान की नीति और नीयत समझ चुके हैं। इसलिए अब न तो अमेरिका ब्लैकमेल होने को तैयार है और न ही चीन।</p>
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अमेरिका को पाकिस्तान में एयरबेस चाहिए, और चीन को सेंट्रल एशिया तक सीधा रास्ता। चीन ने 73 बिलियन डॉलर सीपेक के नाम पर इन्वेस्ट करने के बाद भी काम ठप कर दिया है तो अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सालाना मदद पर रोक लगा दी है। सीपेक चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग का ड्रीम प्रोजेक्ट है। चीन की सरकार किसी भी हाल में इस प्रोजेक्ट को पूरा करना चाहती है।</p>
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पाकिस्तान की लाख नालायकियों के बाद भी चीन ने पाकिस्तान को मदद की। यहां तक कि जब सऊदी अरब ने पाकिस्तान को आंखें तरेरीं तो चीन ने ही खड़े-खड़े डेढ़ बिलियन डॉलर की नकद मदद की। लेकिन चीन आंखें खुल चुकी हैं। कोहिस्तान में दासू हाईड्रो पॉवर प्रोजेक्ट में काम करने वाले चीनी इंजीनियरों की बस में हुए धमाके के बाद बीजिंग को इमरान सरकार की साजिशों का पता लग चुका है।</p>
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इमरान खान ने बीजिंग के भरोसे में कमी होता देख, अपने मोइद यूसुफ को वाशिंगटन भेज दिया। मोईद यूसुफ अपने अमेरिकी एनएसए सुलिवन से मुलाकात की है। पाकिस्तान ने मोइद यूसुफ की इस मुलाकात को छिपाने की कोशिश भी की। मगर फिर खुद ही ट्वीट कर बताया कि जैक सुलिवन के साथ फॉलोअप मीटिंग पॉजिटिव रही। मोइद यूसुफ ने इस मीटिंग के बारे में जो छुपाया था उसे जैक सुलिवन से साफ कर दिया।</p>
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जैक सुलिवन ने ट्वीट किया कि 'पाकिस्तान के एनएसए से रीजनल कम्युनिकेशन और सिक्योरिटी और आपसी सहयोग के साथ अन्य क्षेत्रों में परामर्श करने के लिए मुलाकात की। हमने अफगानिस्तान में हिंसा में कमी की तत्काल आवश्यकता और संघर्ष के लिए बातचीत के जरिए राजनीतिक समाधान पर चर्चा की। जैक सुलिवन के इस ट्वीट से साफ हो गया कि पाकिस्तान की इमरान सरकार न केवल चीन और अमेरिका के साथ खेल रही बल्कि तालिबान के साथ भी खेल रही है। ऐसा बताया जा रहा है तालिबान भी पाकिस्तान की चाल सामने आने से नाराज हो गया है। तालिबान ने पाकिस्तान को अपना आक्रोश भी जता दिया है।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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