डेटा एनालिटिक्स से पता चलता है कि पाकिस्तान जम्मू और कश्मीर (J&K) में G20 और Y20 बैठकों के ख़िलाफ़ लगातार सोशल मीडिया अभियान चला रहा है। पाकिस्तान के G20 विरोधी अभियान को कनाडा स्थित राजनीतिक दलों, खालिस्तानी संगठनों और श्रीनगर स्थित ऑल पार्टीज़ हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस (APHC) का समर्थन प्राप्त है।
ख़ुफ़िया एजेंसियां बताती हैं कि चीन ने भी G-20 बैठकों के ख़िलाफ़ नकारात्मक भावना पैदा करने में पाकिस्तान का साथ दिया है। बीजिंग ने 26 अप्रैल को लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश में आयोजित Y20 बैठक का बहिष्कार करने का फ़ैसला किया था। हालांकि, 170 गणमान्य व्यक्तियों के साथ 100 विदेशी प्रतिनिधि शामिल हुए और इनकी तस्वीरें जब सोशल मीडिया पर वायरल हुईं,तो लद्दाख Y20 बैठक भारत के ख़िलाफ़ चल रहे तमाम अभियान की हवा निकल गयी।
भारतीय ख़ुफ़िया संगठनों द्वारा संकलित जानकारी से पता चलता है कि नकली नामों के तहत कई पाकिस्तानी हैंडल भारत के ख़िलाफ़ G-20 विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने में लगे रहे हैं।यह उस कूटनीतिक हमले के अलावा है, जो पाकिस्तान कम से कम जून 2022 से भारत के G-20 के अध्यक्ष पद के ख़िलाफ़ चला रहा है।
दिसंबर, 2022 में भारत द्वारा G-20 को संभालने से बहुत पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय (MoFA) ने G-20 समूह और भारत के ख़िलाफ़ एक कूटनीतिक आलोचना शुरू की थी।पाकिस्तानी राजनयिकों ने भारत का बहिष्कार करने के लिए G-20 देशों से संपर्क किया था।
पाकिस्तान चीन, तुर्की और सऊदी अरब सहित सहयोगियों से जम्मू-कश्मीर में भारत द्वारा आयोजित की जा रही G-20 बैठकों का बहिष्कार करने का आग्रह करता रहा है। इसने यह कहते हुए मुस्लिम भावनाओं को भी यह कहते हुए भड़काया है कि मुस्लिम देशों को कश्मीर G-20 बैठकों में पाकिस्तान का समर्थन करना चाहिए।
ट्विटर पर पाकिस्तान स्थित सोशल मीडिया हैंडल – @NimraChoudhar20, @new789807, @muhamednaseer2, @Natasha85852 – सक्रिय रूप से G-20 के ख़िलाफ़ अभियान चला रहे हैं। अधिकांश G-20 विरोधी टिप्पणियां लाहौर और इस्लामाबाद से की गयी थीं।
ये हैंडल भारत में G-20 की बैठकों को पटरी से उतारने के प्रयास में जम्मू-कश्मीर पर निशाने साधते हुए हैशटैग, ‘G20boycottmeetinginiiojk’, ‘boycottG20’, ‘Kashmir_Internationally_Recognized_Dispute’, ‘G20_Event_In_IIOJK_Just_A_Ploy’, ‘changeg20venue’ और ‘freelashmirfromg20’ का उपयोग कर रहे हैं।
पाकिस्तान ने G-20 विरोधी हैशटैग जारी किए
पाकिस्तान के अलावा, न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) जैसे कनाडा स्थित संगठनों द्वारा बहुत शोर मचाया गया, जिसने कश्मीर, चंडीगढ़ और पंजाब में G-20 आयोजनों के बहिष्कार का आह्वान किया था।कनाडा के विश्व सिख संगठन (डब्ल्यूएसओ) ने भी कनाडा से G-20 शिखर सम्मेलन का बहिष्कार करने का आह्वान किया।
पाकिस्तान ने अपने प्रचार में शामिल होने के लिए कई संगठनों और विश्वविद्यालयों का भी इस्तेमाल किया।कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंटरनेशनल रिलेशंस (KIIR) ने भारत के ख़िलाफ़ जापानी प्रधानमंत्री फ़ुमियो किशिदा को पत्र लिखा। इसी तरह, कश्मीर डायस्पोरा गठबंधन (केडीसी) ने G-20 के सभी राष्ट्राध्यक्षों को भारत में बैठकों में शामिल नहीं होने के लिए लिखा था।
ऐसा लगता है कि इस्लामाबाद के तमाम प्रयास विफल हो गये हैं क्योंकि पाकिस्तानी प्रचार से बेफ़िक्र भारत ने देश भर के लगभग 60 शहरों में विदेश मंत्रियों और वित्त मंत्रियों की उच्च-शक्ति मंत्रिस्तरीय बैठकों सहित 200 से अधिक G-20-संबंधित बैठकों की मेजबानी की है।
भारत के आकर्षक आह्वान- ‘वसुधैव कुटुम्बकम’,यानी ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के विचार के पीछे ग्लोबल साउथ के खड़े हो जाने के साथ पाकिस्तान के अभियान की चमक फीकी पड़ गयी है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती पाकिस्तान के सक्रिय आतंकवादी समूहों द्वारा पेश की गयी चुनौती, ख़ासकर 22-24 मई को श्रीनगर में होने वाली G-20 टूरिज़्म वर्किंग ग्रुप की बैठक को लेकर निपटना है। यह पर्यटन बैठक भारत के लिए महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि यह कश्मीर को एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनाने पर केंद्रित है।
हाल ही में एक भारतीय सैन्य वाहन पर बंदूक और ग्रेनेड हमले में पांच सैनिकों की जान चली गयी थी,जिससे भारत की यह आशंका बढ़ गयी है कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में और हमले शुरू करने की कोशिश करेगा। पुंछ हमला, पाकिस्तान सीमा के पास, जम्मू विश्वविद्यालय में Y-20 कार्यक्रम के ठीक एक दिन बाद हुआ और माना जाता है कि इसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) द्वारा अंजाम दिया गया था।
भारत में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत अब्दुल बासित ने एक वीडियो इंटरव्यू में भारतीय सैनिकों के मारे जाने को सही ठहरया है।बासित ने मीडिया संगठनों से कहा कि वह हमला वैध था। उन्होंने कहा कि वह हमला मुजाहिदीन (पवित्र योद्धाओं) द्वारा किया गया था, जिन्होंने सेना को निशाना बनाया है…जो एक वैध लक्ष्य है और अंतर्राष्ट्रीय क़ानून द्वारा इसकी अनुमति है।
पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के निशाने पर कश्मीर के हिंदुओं और सिखों की हत्यायें हैं।इस साल की शुरुआत में हुए कुछ हमलों में हिंदू बच्चों तक को आतंकवादियों द्वारा रखे गए विस्फोटकों से उड़ा दिया गया था।
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