ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर रोक संबंधित सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को SC ने खारिज कर दिया है। मुस्लिम पक्षकारों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की प्रक्रिया को रोकने के लिए SC में याचिका दायर की थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसे ज्ञानवापी केस में सुप्रीम कोर्ट की ओर से मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका माना जा रहा है।
हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की प्रक्रिया सुबह 7 बजे से शुरु कर दी गई है। ASI की 51 सदस्यीय टीम इस काम को अंजाम देने के लिए वाराणसी पहुंच गई है। इधर, सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी ज्ञानवापी सर्वे को हरी झंडी दे दी गई है।
SC ने हाईकोर्ट के आदेश को रखा बरकरार
बता दें कि मुस्लिम पक्षकार अंजुमन इस्लामिया मसाजिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ SC में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद मुस्लिम पक्षकारों की याचिका को खारिज कर दिया गया,और हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा गया है।
वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी के पूरे परिसर का होगा सर्वे
अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट के आदेशानुसार ज्ञानवापी का सर्वे जारी रहेगा। विवादित वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी के पूरे परिसर का ASI की ओर से सर्वे किया जाएगा। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को ज्ञानवापी में सर्वे का आदेश जारी किया था।
SC ने मुस्लिम पक्षकारों से किया सवाल
SC ने मुस्लिम पक्षकारों से सवाल किया कि हाईकोर्ट के आदेश में दखल क्यों दें? उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले में भी ASI की ओर से सर्वे का काम किया गया था। ऐसे में आपको ASI के सर्वे से क्या आपत्ति है? वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्षकारों से पूछा की ज्ञानवापी परिसर को इस सर्वे से ऐसा क्या नुकसान हो जाएगा ,जो ठीक नहीं रहेगा?
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई को सर्वे पर रोक लगाते हुए मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील करने के निर्देश दिए थे।जिसके बाद मुस्लिम पक्षकारों में हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी। फिर जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोबारा शर्तों के साथ ASIको सर्वे का आदेश दिया तो मुस्लिम पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से जिन शर्तों के साथ सर्वे करने के आदेश जारी किए गए उनमें स्पष्ट तौर पर कहा गया कि परिसर के अंदर फोटोग्राफी की जाए,साथ ही पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाए। जो ASI की ओर से कराई जा रही है।
सर्वे से इमारत को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हो-SC
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ASI ने SC को भरोसा दिलाया है कि सर्वे के दौरान इमारत को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचेगा। इमारत में किसी भी प्रकार की खुदाई नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि इमारत में किसी प्रकार की खुदाई न हो यह सुनिश्चित किया जाए। साथ ही सर्वे के बाद रिपोर्ट को सीलबंद रखा जाए।
कोर्ट में उठा प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का मुद्दा
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का भी मुद्दा उठा,जिसमें मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने कोर्ट से कहा कि पूजा स्थल अधिनियम की धारा 2(बी) के तहत इसकी स्थिति में बदलाव नहीं किया जा सकता है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आप सही कह रहे हैं, एक्ट के 2(बी) रूपांतरण शब्द का उपयोग बहुत व्यापक अर्थ में है। एक्ट के तहत साफ है कि पूजा स्थल का धार्मिक चरित्र नहीं बदलना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि सवाल यह है कि 15 अगस्त 1947 को उस स्थान का धार्मिक चरित्र क्या था?
SC में सीएम योगी के बयान पर भी चर्चा
सुप्रीम कोर्ट में सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर भी चर्चा की गई। मुस्लिम पक्ष के वकील ने कोर्ट में कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने जो बयान दिया है, वह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य को किसी भी पक्ष में नहीं बोलना चाहिए।
दरअसल, सीएम योगी ने पिछले दिनों ज्ञानवापी मुद्दे पर कहा था कि इसे मस्जिद कहने पर विवाद होगा। वहां हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें हैं। ज्ञानवापी में त्रिशूल क्या कर रहा है? सीएम योगी की इसी टिप्पणी का मुद्दा उठा।
दोपहर में रोकी गई थी सर्वे
ASI की ओर से दोपहर करीब 12 बजे सर्वे की प्रक्रिया को रोका गया। जुमे की नमाज पढ़े जाने के कारण सर्वे प्रक्रिया को रोकी गई थी।पुन: करीब 2:30 बजे एक बार फिर एएसआई की सर्वे टीम ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हुई और सर्वे की प्रक्रिया को शुरू कराया गया।
जिला कोर्ट ने दिया था 4 हफ्तों का वक्त
उधर, ज्ञानवापी मुद्दे में ASI सर्वे को लेकर जिला न्यायालय में अहम सुनवाई हुई। वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश ने 21 जुलाई को परिसर में ASI सर्वे का आदेश जारी किया था। इस आदेश के तहत ज्ञानवापी के विवादित वजूखाना स्थल को छोड़कर बाकी हिस्से के सर्वे का आदेश दिया गया था। जिला जज ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को आदेश जारी किया था कि चार अगस्त तक सर्वे की प्रक्रिया को पूरी कर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में जमा करे। लेकिन इसबीच सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में मामला खींचने के कारण सर्वे शुरू होने में देरी हुई।
सर्वे को लेकर कमिश्नरेट का अलर्ट जारी
वाराणसी कमिश्नरेट ने सर्वे को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। जुमे की नमाज को देखते हुए वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद की गई है। ज्ञानवापी परसिर के बाहर सुरक्षा इंतजाम चौकस किए गए हैं। मीडिया कर्मियों को भी ज्ञानवापी परिसर के आसपास जाने और एएसआई सर्वे के कवरेज की अनुमति नहीं दी गई है।
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