जप्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में 3.75 किलोमीटर के यात्री रोपवे सहित ऐसी कई विकासात्मक परियोजनाओं का शुभारंभ किया, जो वाराणसी छावनी स्टेशन और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को जोड़ेगी। इन सभी परियोजनाओं के लिए कुल परिव्यय 1,780 करोड़ रुपये अनुमानित है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “चाहे सड़कें हों, पुल हों, रेलवे हों या हवाई अड्डे हों, वाराणसी से कनेक्टिविटी पूरी तरह से आसान हो गयी है।” आज दिल्ली से वाराणसी तक सड़क मार्ग से सिर्फ़ लगभग 10-11 घंटे लगते हैं। 2021 में उद्घाटन किए गए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे सहित नवनिर्मित बहु-लेन एक्सप्रेसवे दोनों शहरों को जोड़ता है।
2014 में मोदी पहली बार वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े थे। तब से शहर का परिदृश्य ज़बरदस्त रूप से बदल गया है।
पर्यटकों की आमद में लगातार इज़ाफ़ा हुआ है। 2015 में वाराणसी,यानी पूर्ववर्ती काशी में लगभग 55 लाख घरेलू पर्यटक आये थे। पिछले साल हिंदुओं के सबसे पवित्र गंतव्य माने जाने वाले इस शहर ने 7 करोड़ से अधिक घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित किया था।
शहर के निवासियों ने इंडिया नैरेटिव को बताया कि वाराणसी का केवल एक धार्मिक स्थल होने से यह परिवर्तन “ज़बरदस्त” रहा है।
मंदिर के एक भक्त ने कहा, “वाराणसी में कोई ऑफ़ सीजन नहीं होता है। शहर में अब साल भर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। घाटों को साफ़ कर दिया गया है। कुल मिलाकर शहर अब उतना सुस्त और गंदा नहीं है. जितना कि कुछ साल पहले हुआ करता था।”
2013 में अल जज़ीरा में एक लेख प्रकाशित हुआ था,जिसमें कहा गया था – “एक ऐसा भारतीय पवित्र शहर,जिसमें ‘मौत के होटल’ हैं, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया था कि इस शहर में हज़ारों लोग मरने की इच्छा रखते हैं। “मरने के इच्छुक लोगों को घर देने के लिए सभी प्रकार के होटल और आवास पिछले कुछ वर्षों में उभर आए हैं।”
लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में वाराणसी को अपनी लय वापस मिल गयी है। यह शहर अब संस्कृति, व्यंजन और आध्यात्मिकता का एक जीवंत केंद्र बन गया है, जहां कि आर्थिक समृद्धि लगातार बढ़ रहा है। एक महत्वपूर्ण बौद्ध गंतव्य सारनाथ से कनेक्टिविटी को भी नया रूप मिल गया है।
भक्त ने कहा, “लोग यहां आध्यात्मिक अनुभव के लिए आते हैं, लेकिन वाराणसी को दशकों से जिस तरह से पेश किया जा रहा था, यह उससे बहुत अलग है।”
प्रसिद्ध बनारसी साड़ियों से लेकर अन्य हस्तशिल्प वस्तुओं और स्थानीय व्यंजनों तक- सभी को वैश्विक मानचित्र पर हाइलाइट किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र में आयोजित वन वर्ल्ड टीबी समिट को भी संबोधित किया।
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