QUAD शिखर सम्मेलन से घबराए शी जिनपिंग ने दिए चीनी आर्मी को जंग की तैयारी के आदेश

<p>
चार महा शक्तियों के संयुक्त शिखर सम्मेलन से जो खबर छन कर बाहर निकली है वो चीन के लिए बेहद चिंता का विषय है। केवल चार महाशक्तियां ही नहीं इन महा शक्तियों के बनाए रास्तों पर चलने वाले देशों ने भी चीन की नकेल कसने की तैयारी कर ली है। इसका असर केवल चीन पर ही हीं बल्कि चीन के पिद्दू पाकिस्तान पर भी पड़ेगा। क्वाड में हुई चर्चा से चीन के राष्ट्रपति इतना भयभीत हो गए कि उन्होंने अपनी फौज को जंग के लिए तैयार होने के निर्देश दे दिए। चीन के पांचों कमाण्ड इस समय फुल वॉर मोड में हैं।</p>
<p>
साउथ चाइना सी लगभग चीन की दादागीरी और अवैध कब्जों से लगभग एक दर्जन देशों पर सीधा असर पड़ रहा है। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रुनैई जैसे देश शामिल हैं। इन देशों ने क्वाड की रणनीति के अनुसार चलने ओर क्वाड को सहयोग व समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। कुछ देशों ने तो बाकयदा क्वाड में शामिल होने की इच्छा भी व्यक्त कर दी है। साउथ चाईना सी के इन देशों के दूसरी ओर ताईवान चीन के नापाक रवैये से सबसे ज्यादा त्रस्त है। चीन, ताइवान को हड़पना चाहता है। चीन ने ताइवान को डराने के लिए अपनी फौज के एक कमाण्ड की पूरी ताकत झौंक रखी है।</p>
<p>
क्वाड में इन पर सब चर्चा हुई और चीन की चालबाजियों पर रोकने के लिए रणनीतियां भी बनीं। चीन की चिंता का सबसे बड़ा सबब एलएसी विवाद पर क्वाड की शक्तियों का भारत के साथ खड़ा होना है। अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने एक स्वर में चीन की हठधर्मिता विरोध किया और भारत को सभी तरह के सहयोग का वादा किया। हालांकि भारत ने चीन से अकेले निपटने की क्षमता से क्वाड को अवगत कराया। क्वाड समिट में पूर्वी लद्दाख के मुद्दे पर ऐसे वक्त में चर्चा हुई जब शुक्रवार को ही भारत और चीन के बीच एलएसी पर सैनिकों के पीछे हटने को लेकर कूटनीतिक स्तर की 21वीं मीटिंग हुई।</p>
<p>
शिनजियांग में उइगर और हांगकांग में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों पर चर्चा हुई। ऐसा कहा जाता है कि क्वाड में वन चाइना पॉलिसी रद्द करने पर विचार विमर्श हुआ। अगर क्वाड और उसके समर्थक देश वन चाइना पॉलिसी को रद्द करते हैं तो शिनजियांग, हांगकांग, ताइवान के अलावा तिब्बत और इनर मंगोलिया पर चीन के अवैध कब्जों के खिलाफ दुनिया भर में अभियान शुरू हो जाएगा। ताइवान के साथ तो अमेरिका-भारत और कई अन्य देशों ने सीधे राजनीतिक-व्यापारिक और सामरिक सम्बंधों को मजबूत करना शुरू कर दिया है।</p>
<p>
क्वाड के वर्चुअल शिखर सम्मेलन से पहले ही चीन का स्टॉक मार्केट ध्वस्त हो गया था। चीन की सरकार इस घटना से इतनी बुरी तरह डरी हुई है कि स्टॉक मार्केट की खबरों को बैन कर दिया। चीन के सोशल, इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया में स्टॉक मार्केट की खबरें गायब हो गईं। कम्युनिस्ट पार्टी के सीधे नियंत्रण में चलने वाले चीनी मीडिया ने क्वाड के खिलाफ आग उगलना ही शुरू कर दिया। इसमें भी भारत पहले मिशाने पर रहा।</p>
<p>
इसके विपरीत, भारत ने क्वाड में वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया। क्वाड ने कोरोना वैक्सीन बनाने में भारत का सहयोग करने और एक नया टीका विकसित किए जाने के लिए सहयोग का वादा किया। चीन और पाकिस्तान के लिए यह भी चिंता का विषय रहा। पाकिस्तान के लिए फिक्र की बात यह कि क्वाड से पहले ही अमेरिका कह दिया कि भारत में सीमा पार से हो रही आतंकी गतिविधियों पर चीन ने आंखें नहीं मूंदी हैं।  </p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago