रेल मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की कि वह यात्रियों को प्रतीक्षा सूची में डाले जाने की संभावना को कम करने के लिए मांग के अनुसार ट्रेन उपलब्ध कराने की क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। साल 2024 से प्रतीक्षा सूची को समाप्त करने और सिर्फ उपलब्ध टिकटों को लेकर राष्ट्रीय रेल योजना के बारे में कुछ रिपोर्टों को खारिज करते हुए मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि प्रतीक्षा सूची एक ऐसा प्रावधान है, जो ट्रेन में यात्रियों की मांग बर्थ या सीटों की संख्या से अधिक होने के बाद जारी की जाती है। मंत्रालय ने कहा, इस प्रावधान को खत्म नहीं किया जा रहा है।
<strong> मंत्रालय ने कहा, वेटिंगलिस्ट एक ऐसा प्रावधान है जो मांग और उपलब्धता में उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए एक बफर के रूप में कार्य करता है। रेलवे यह बताना और स्पष्ट करना चाहेगा कि मांग पर ट्रेन उपलब्ध कराने की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इससे यात्रियों के प्रतीक्षा सूची में शामिल होने की संभावना कम हो जाएगी। </strong>
रिपोर्ट में मंत्रालय के 2024 से प्रतीक्षा सूची को समाप्त करने का उल्लेख किया गया था। उसके सामने आने के बाद रेलवे ने स्पष्टीकरण जारी किया। भारतीय रेल की योजना अपने रेल ड्राफ्ट के हिस्से के रूप में 2030 तक माल भाड़े में 27 प्रतिशत से 45 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करते हुए मांग-आधारित यात्री गाड़ियों को चलाने की है।
हालांकि, यात्री ट्रेनों की सेवाएं अभी भी कोविड महामारी के पहले जैसे स्तर तक पहुंच नहीं पाए हैं। भारतीय रेलवे अपनी क्षमता में सुधार करने की कोशिश कर रहा है। वर्तमान में भारतीय रेलवे कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण पहले 1,768 ट्रेनों की तुलना में 1,089 यात्री ट्रेनें चला रहा है।.
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