चीन के पास सिर्फ तीन रास्ते! राजनाथ सिंह ने संसद में बताया ये समाधान

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कई महीनों से चीनी सीमा पर चल रहा विवाद कुछ घटता दिख रहा है। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में एलएसी की स्थिति की जानकारी दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले साल से जारी गतिरोध के बीच चीन के साथ सैन्य और कूटनीतिक स्तर की कई वार्ताएं हुईं, मगर अब तक कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है। हालांकि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि बातचीत के दौरान भारत ने ड्रैगन को चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए तीन सिद्धांतों को सुझाया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि हम तीन सिद्धांतों के आधार पर सीमा विवाद का समाधान चाहते हैं।</p>
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1. दोनों पक्षों द्वारा एलएसी को माना जाए और उसका आदर किया जाए</p>
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2. किसी भी पक्ष द्वारा एकतरफा स्थिति को बदलने का प्रयास न किया जाए</p>
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3. सभी समझौतों का दोनों पक्षों द्वारा पूर्ण रूप से पालन किया जाए</p>
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राजनाथ ने कहा, 'पूर्वी लद्दाख में LAC के पास कई अंश क्षेत्र बने हैं। चीन ने एलएसी और पास के इलाके में अपनी तरफ से भारी बल और हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा कर लिया है। हमारे बलों ने भी पर्याप्त और प्रभावी ढंग से काउंटर पर तैनाती की है।' उन्होंने कहा, 'हम पैंगोंग झील के उत्तर-दक्षिण किनारे पर बातचीत शुरू कर चुके हैं। एलएसी पर तैनाती के कुछ मुद्दों को अभी तक सुलझाया नहीं जा सका है। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि जल्द से जल्द पूरी डिसएंगेजमेंट हो जाएगी।'</p>
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राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने स्पष्ट किया है कि एलएसी में बदलाव ना हो और दोनों देशों की सेनाएं अपनी-अपनी जगह पहुंच जाएं। हम अपनी एक इंच जगह भी किसी को नहीं लेने देंगे। राजनाथ ने कहा कि पेंगोंग के नॉर्थ और साउथ बैंक को लेकर दोनों देशों में समझौता हुआ है और सेनाएं पीछे हटेंगी। उन्होंने आगे कहा कि पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण में सैनिकों की वापसी पर सहमति बन गई है। कल से सीमा पर सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सैनिक वापसी की प्रक्रिया के बाद बाकी मुद्दों के हल के बातचीत चल रही है। समझौते के 48 घंटे के भीतर दोनों देश के कमांडर मिलेंगे।</p>
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लद्दाख की ग्राउंड सिचुएशन से अवगत कराते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन ने अवैध तरीके से लद्दाख के अंदर हमारे 1962 से ही 38 हजार वर्ग किलो मीटर पर कब्जा बना रखा है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने अवैध तरीके से पाक अधिकृत कश्मीर में भारत की लगभग 5180 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन को दे दिया है। इस प्रकार 43 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक भारत की भूमिक पर अवैध तरीके से कब्जा है।</p>
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तनाव बढ़ने के बाद दोनों देशों की तरफ से पूर्वी लद्दाख में विवादित लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर हजारों सैनिकों की तैनाती की गई थी। 24 जनवरी को भारत और चीन के कोर कमांडर स्तर की नौवें बैठक के बाद दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति बनी थी और अब इसी के आधार पर दोनों देशों ने अपने सैनिकों को पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट से हटाना शुरू कर किया।</p>

आईएन ब्यूरो

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