नई दिल्ली: राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का पहला चरण इस साल 30 दिसंबर तक पूरा हो जायेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे मिश्र ने कहा कि मंदिर का निर्माण तीन चरणों में किया जा रहा है और पहले चरण के पूरा होने के बाद भक्त मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे।
एएनआई से बात करते हुए निर्माण समिति के प्रमुख ने कहा कि अन्य कार्यों के अलावा भूतल पर पांच ‘मंडप’ पहले चरण में पूरे किए जायेंगे।
उन्होंने कहा,“ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि राम मंदिर का पहला चरण 30 दिसंबर, 2023 तक पूरा हो जाना चाहिए। पहले चरण में भूतल पर पांच मंडप, जिनमें से सबसे प्रमुख गर्भगृह है, जहाँ भगवान की मूर्ति स्थापित की जायेगी, उसे पूरा हो जाना चाहिए।”
मिश्र ने बताया कि पांच मंडपों के निर्माण में क़रीब 160 खंभे लगे हैं।
“उनमें आइकनोग्राफ़ी (दृश्य चित्र और प्रतीक) का काम पूरा हो जाना चाहिए। मंदिर के निचले चबूतरे पर भगवान राम का संक्षिप्त वर्णन (प्रथम चरण में) शुरू किया जायेगा, और बिजली की सुविधा और अन्य सुविधायें पूरी हो जायेंगी। ये सभी काम 30 दिसंबर, 2023 तक पूरे कर लिए जायेंगे।
मिश्र ने कहा, “मंदिर की पहली और दूसरी मंज़िल परकोटा (बाहरी परिधि) सहित 30 दिसंबर, 2024 तक पूरी हो जायेगी।”
उन्होंने आगे बताया कि “मूर्ति स्थापित हो जायेगी, इस साल के अंत तक श्रद्धालु दर्शन भी कर सकेंगे”।
मिश्र ने कहा, “30 दिसंबर, 2023 तक इन कार्यों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।”
यह पूछे जाने पर कि पूरे मंदिर का निर्माण कब तक पूरा हो जायेगा, समिति प्रमुख ने कहा कि दिसंबर 2025 में मंदिर का परिसर बनकर तैयार हो जायेगा।
“पहला चरण दिसंबर 2023 तक, दूसरा दिसंबर 2024 तक और तीसरा दिसंबर 2025 तक पूरा हो जायेगा, उस समय तक कॉम्प्लेक्स भी पूरा हो जायेगा। अध्यक्ष के रूप में मेरी कोशिश है कि 30 दिसंबर 2023 तक श्रद्धालु अपने भगवान के दर्शन कर सकें।”
ग़ौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऐलान किया था कि राम मंदिर अगले साल एक जनवरी से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जायेगा।
समिति प्रमुख ने मंदिर निर्माण पर हुए ख़र्च के बारे में बात करते हुए कहा कि ख़र्च का अनुमान 1400 करोड़ रुपये से 1800 करोड़ रुपये के बीच का है।
अनुमान है कि राम मंदिर निर्माण में न्यूनतम 1400 करोड़ रुपये से 1500 करोड़ रुपये और अधिकतम 1800 करोड़ रुपये खर्च होंगे. भूतल के निर्माण में न्यूनतम 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इससे पहले 18 मई को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने निर्माणाधीन मूर्तियों की तस्वीरें शेयर की थीं। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण ज़ोरों पर चल रहा है।
चंपत राय ने कहा कि ये मूर्तियां एक ऐसे पत्थर पर खुदी हुई हैं, जो शास्त्रों की कहानियों पर आधारित हैं।
9 नवंबर, 2019 को भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच-न्यायाधीशों की बेंच ने राम लला के पक्ष में फ़ैसला सुनाया था और कहा था कि 2.7 एकड़ में फैली पूरी विवादित भूमि सरकार द्वारा गठित उस ट्रस्ट को सौंप दी जायेगी, जो स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की निगरानी करेगा।
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