विधान परिषद चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने खेला बड़ा दांव, मची खलबली

<p id="content">उत्तर प्रदेश में होने वाले <strong>विधान परिषद चुनाव</strong> में समाजवादी पार्टी ने एमएलसी चुनाव के लिए राजेंद्र चौधरी व अहमद हसन को प्रत्याशी घोषित किया है। विधायकों के संख्या बल के अनुसार सपा एक सीट जीत सकती है, लेकिन दूसरे प्रत्याशी का ऐलान कर पार्टी ने मुकाबला रोचक कर दिया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार सुबह प्रदेश कार्यालय में विधायकों के साथ बैठक के बाद प्रत्याशियों का ऐलान किया है। बैठक में सपा प्रत्याशी के प्रस्तावक कौन-कौन से विधायक होंगे यह भी तय किया गया है। प्रदेश में <strong>विधान परिषद की 12 सीटों पर 28 जनवरी को चुनाव होने हैं।</strong></p>
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विधान परिषद चुनाव में विधायकों की संख्या के अनुसार समाजवादी पार्टी 12 सीटों में से सिर्फ एक प्रत्याशी को ही जीत दिला सकती है। सूत्रों का कहना है कि सपा की निगाह बहुजन समाज पार्टी के साथ ही दूसरे दलों के कुछ असंतुष्ट विधायकों का समर्थन हासिल कर दूसरी सीट जितने पर है।

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उप्र विधान सभा में भाजपा के पास सहयोगी दलों को मिला कर कुल 319 विधायक हैं। सपा के 48 सदस्य हैं, जबकि बसपा के 18 सदस्यों में से पांच ने बीते नवंबर में हुए राज्यसभा चुनाव के बाद पार्टी से बगावत कर दी थी। बसपा ने अपने बागी नेताओं को नोटिस जारी किया है, जबकि रामवीर उपाध्याय को पार्टी ने सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इस लिहाज से पार्टी सदस्यों की संख्या 10 के करीब मानी जा रही है। वहीं, कांग्रेस के सात विधायकों में से दो बागी रुख अपनाए हुए हैं, जिसके चलते पांच ही विधायक पार्टी के साथ हैं।

भाजपा में भी विधान परिषद उम्मीदवारों के नामों को लेकर मंथन निर्णायक दौर में पहुंच गया है। 12 सीटों के चुनाव के लिए 50 से अधिक दावेदारों के नाम सामने होने के कारण नेतृत्व किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सका है। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का फिर से विधान परिषद जाना तय माना जा रहा है। प्रत्याशियों की घोषणा 14 जनवरी के बाद होने के संकेत हैं।.

पंकज श्रीवास्तव

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