Kashmir: अमरनाथ यात्रा पर Hybrid Terrorism का खतरा, टेरर नेटवर्क का खात्मा करने में जुटे सुरक्षाबल

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हाईब्रिड आतंकबाद सुरक्षाबलों की गले की हड्डी बन गया है। नए तरह का यह आतंकवाद आम कश्मीरी और आतंकियों में भेद करने में मुश्किलें पैदा करता है। ऐसा बताया जाता है कि हाईब्रिड आतंकी टारगेट को किल करने के लिए पूरी तरह कुशलता से प्रशिक्षित आतंकी होते हैं लेकिन इनका व्यवहार आम शहरियों की तरह होता है। इनकी गतिविधियों से कोई भी नहीं भांप सकता कि ये आतंकी है या आम शहरी। इनके चेहरों के हाव-भावों को खास तौर पर ट्रेंड सुरक्षाकर्मी या कमाण्डो ही पहचान पाते हैं। ये हाईब्रिड आतंकी अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर सुरक्षाबलों की चिंता बने हुए हैं। सुरक्षाबलों की चिंता यह भी रहती है कि हाईब्रिड आतंकियों के शक में कहीं कोई निर्दोष शहरी शिकार न बन जाए।</p>
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इन सब चिंता और चेतावनियों के बीच सुरक्षाबलों ने अमरनाथ यात्रा को तीन चक्रों की सुरक्षा व्यवस्था देने और आतंकियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने की रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है। अब तक सुरक्षाबलों के निशाने पर 87 आतंकी आए हैं।</p>
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 जम्मू-कश्मीर के सुरक्षासूत्रों अनुसार इसी महीने 13मई को कश्मीरी पंडित और सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या और फिर कश्मीरी अभिनेत्री अमरीन भट्ट की हत्या से साफ है कि आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के माहौल को खराब करने के लिए सीमा पार बैठे आतंकियों के आका हाईब्रिड आतंकियों के जरिए टारेगट किलिंग को अंजाम दे रहे हैं।  घाटी में पाकिस्तानी आतंकी के साथ-साथ, घरेलू स्तर पर तैयार हो रहे हाइब्रिड आतंकी बड़ी चुनौती बन रहे हैं। वे अलग-अलग तरीके से हमलों को अंजाम दे रहे हैं।</p>
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इस साल जनवरी से अब तक 16 आम नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि पिछले साल अक्तूबर से अब तक करीब 32 लोग आतंकियों के हाथों मारे गए। पिछले साल अक्तूबर में श्रीनगर में फार्मासिस्ट माखनलाल बिंद्रू की आतंकियों ने उनके मेडिकल स्टोर में घुसकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से कई घटनाएं हुई हैं। कश्मीरी पंडितों और गैर मुस्लिमों को आतंकियों ने ज्यादातर निशाना बनाया है।</p>
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सुरक्षाबलों की चिंता यह है कि ये हाईब्रिड आतंकी अमरनाथ यात्रियों के बीच घुलमिल कर उन्हें भ्रमित कर सुरक्षा घेरे से दूर न ले जाएं। हालांकि इस बार अमरनाथ यात्रियों के रजिस्ट्रेशन में भी सतर्कता बरती जा रही है और हर जत्थे के साथ सुरक्षाकर्मी भी रहेंगे। कुछ सुरक्षाकर्मी हर जत्थे के साथ सादी वर्दी में भी रहेंगे। यात्रियों के जत्थे वहीं रुकेंगे जहां सुरक्षाबलों ने ठहराव निश्चित किए हैं।</p>

आईएन ब्यूरो

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