दसियों साल बाद गुलमर्ग के शिव मंदिर में बजे घंटे घड़ियाल, कश्मीरी पंडितों को मिली पूजा की आजादी

<p>
जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को आज 10  साल बाद आजादी का एहसास हुआ है, क्योंकि यहां गुलमर्ग में दशकों बाद ऐतिहासिक शिवमंदिर के कपाट खुले है। दशको बाद यहां घंटी का शोर सुनाई देगा। कश्मीरी पंडितों के पास अपना मंदिर होने के बावजूद वो यहां पूजा न करने को मजबूर थे। रोजाना दूर से दर्शन कर भगवान शिव से प्रार्थना करते थे। लेकिन अब यहां भारतीय सेना की मदद से शिव मंदिर खोला गया है। जिसके बाद कश्मीरी पंडितों के चेहरे पर एक अलग सी रौनक नजर आई है। </p>
<p>
शिव मंदिर के खुल जाने पर हर कोई भारतीय सेना की तारीफ कर रहा है। भारतीय सेना ने यहां लोकल प्रशासन और स्थानीय लोगों की मदद से भक्तों के लिए मंदिर के द्वार खोले दिए है। भारतीय जवानों ने स्थानीय लोगों की मदद से इस मंदिर का कायाकल्प किया था। इस शिव मंदिर का निर्माण 1915 में जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन महाराजा हरि सिंह की पत्नी महारानी मोहिनी बाई सिसोदिया ने करवाया था। समय के साथ इस मंदिर की दशा बद्दतर होती गई। लंबे समय से यहां कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ था।</p>
<p>
लेकिन भारतीय सेना की बटालियन ने आगे बढ़कर शिव मंदिर का कालाकल्प किया और आज श्रद्धालुओं के लिए इस मंदिर को खोल दिया। इस मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए मंदिर के केयरटेकर गुलाम मोहम्मद शेख ने कहा कि शिव मंदिर कश्मीर की बहुलवादी संस्कृति और इसकी गौरवशाली विरासत का प्रमाण है। गुलाम मोहम्मद साहब इस मंदिर की 30 साल से देखभाल कर रहे है, ये कश्मीरियत की एक बहुत उम्दा मिसाल है। यहां पर पर्यटक बहुत आते है, लोकल और बाकी टूरिस्टों की गुजारिश थी कि इस मंदिर की भी देखभाल की जाए।</p>
<p>
गुलाम मोहम्मद साहब ने आगे कहा कि मंदिर के खुलने से गुलमर्ग की शान में चार चांद लग गए है, इंडियन आर्मी और यहां के लोकल प्रशासन ने इसका बीड़ा उठाया और इसमें सबसे ज्यादा योगदान यहां के आवाम में सबसे ज्यादा साथ दिया। इसमें हमने थोड़ी बहुत पहल जरूर की हो लेकिन ये हमारी मिलीजुली कोशिशों का नतीजा है। हम यहां से कुछ चीज ले जा सकते है तो कश्मीरियत का पैगाम ले जा सकते हैं। वहीं सेना के अधिकारी बीएस फोगाट ने कहा कि कश्मीर की असली खूबसूरती यहां की आवाम है। इस आवाम के अंदर खास बात कश्मीरियत है। बीएस फोगाट ने आगे कहा कि अगर यहीं पर नजर दौड़ाएं तो मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा आसपास मिल जाएंगे। ये अपने आप में एक कश्मीरियत की बहुत बेहतरीन मिसाल है।</p>

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago