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अब Sonia-Rahul जाएंगे जेल! नेशनल हेरॉल्ड का जिन्न जागा, ED का सम्मन तो मतलब समझो….!

ED का सम्मन मतलब... सोनिया-राहुल से 8 जून को पूछ-ताछ

कांग्रेस इस वक्त पूरे जी-जान से सत्ता में वापसी के लिए लगी हुई है। लेकिन, अधिकतर राज्यों में करारी हार के बाद मुंह के बल गिर पड़ी और पार्टी का इस वक्त हाल बुरा है। राहुल गांधी और सोनिया गांधी अपनी पूरी ताकत लगा कर पार्टी को ऊपर उठाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन, फिलहाल बीजेपी को हिला पाना किसी के बस में नहीं है। गांधी परिवार पर कानून के शिकंजे में घिरती नजर आ रही है। नेशनल हेराल्ड मामले में ED राहुल गांधी और सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। दोनों से आज यानी 2 जून को पूछताछ की जाएघी।

सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने 2010 में यंग इंडिया नाम से कंपनी बनाई, जिसमें उन दोनों के 76 प्रतिशत शेयर थे। उनके अलावा मोती लाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास शेष बचे 24 प्रतिशत शेयर थे। आरोप है कि, सोनिया-राहुल गांधी के केवल 50 लाख रुपये देकर नेशनल हेराल्ड की 2000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति पर मालिकाना हक ले लिया।

इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नाडिस के अलावा सुमन दूबे और सैम पित्रोदा भी आरोपी है। इन आरोपियों में से मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस की साल 2020 और 2021 में मौत हो चुकी है। बाकी के आरोपयों को निचली अदालत से दिसंबर 2015 में जमानत मिल गई थी। क्योंकि, ये मामला सीधा दिल्ली की अदालत में ले जाया गया था। जिसके बाद ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर इस मामले में अपनी जांच शुरू की थी। राहुल गांधी और सोनिया दोनों इस मामले में बेल पर हैं। ऐसा पहली बार होगा, जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आज एक आम नागरिक की तरह ED के दफ्तर में पूछताछ के लिए जाना होगा।

दरअसल, जवाहरल लाल नेहरू समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने एसोसिएट जनरल लिमिटेड (Associate Journal Limited) नाम की एक कंपनी बनाई थी, जो नेशनल हेराल्ड (national Herald) नाम से एक अखबार प्रकाशित करती थी। कंपनी अखबार प्रकाशित करती थी, इसलिए इसे कई शहरों में सस्ते दामों पर सरकारों से जमीनें मिली। आरोप है कि, सोनिया और राहुल ने एक ऐसी कंपनी बनाई, जिसका मकसक कारोबार करना नहीं थी। बल्कि वो इस कंपनी के जरिए AJL को खरीदकर उसकी 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को अपने नाम पर कर लें और साल 2011 में हुआ भी ऐसा। उस वक्त सोनिया और राहुल की कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड ने AJL को टेकओवर कर लिया। इस तरह केवल 50 लाख रुपये चुकाकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक बन गए।