UP में चलता रहेगा Baba का Bulldozer, सुप्रीम कोर्ट का स्टे से इंकार, दंगेबाजों और पत्थरबाजों के ‘आकाओं’ को लगा सदमा

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य़ूपी में ‘बाबा’ के बुल्डोजर पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने भी इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की इस कार्रवाई के बाद देवबंद और जमीअत उलेमा हिंद के खेमों में मातम पसर गया है। इसी के साथ वो लोग जो 17 जून शुक्रवार को एक बार फिर पत्थरबाजी का प्लान बना रहे थे अब वो घरों की छत से पत्थरों को उठाकर शहर के बाहर वापस गडढों और खाईयों में फेंकते नजर आए। बुलडोजर पर रोक की उम्मीद लगाए नाजायज कब्जेदारों ने भी खुद ही अपनी दुकान मकानों की तुड़ाई शुरू कर दी है।  </p>
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने जमीअत उलेमा हिंद की याचिका पर सुनवाई की और कहा कि ‘तुड़ाई का काम’कानून के हिसाब से जारी रहे। यह आदेश जमीअत उलेमा हिंद के जख्मों पर नमक रगड़ने जैसा साबित हुआ है। क्यों कि सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने लिख कर और सबूतों के साथ कहा है कि अभी तक तुड़ाई का काम कानून के मुताबिक ही किया गया है। इसका मतलब यह कि अभी तक जिन लोगों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है उन पर शुक्रवार या शनिवार से बुलडोजर चलाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।</p>
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सुप्रीम कोर्ट का रुख देखते हुए उलेमा को यह भी आशंका होने लगी है कि ज्ञानवापी में आदिदेश्वर शिवलिंग की पुष्टि होने के बाद ‘बाबा’  काशी की मस्जिद पर भी बुलडोजर न चलवा दें।</p>
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हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हिंसा करने वालों के घरों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई पर यूपी सरकार से तीन के अंदर जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई अगले हफ्ते में की जाएगी। इस बीच जमीअत उलेमा हिंद के वकील सुप्रीम कोर्ट पर दबाव बनाने लगे कि  बाबा के बुलडोजर की कार्रवाई पर अंतरिम स्टे ही दे दिया जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट टस से मस नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट यूपी सरकार से कहा है कि कोई भी कार्रवाई नियम के दायरे में ही होनी चाहिए।</p>
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शीर्ष अदालत ने प्रयागराज, कानपुर मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार को तीन दिनों का समय दिया गया है। साथ ही कोर्ट का यह कहना है कि अगर नियमों का पालन किया गया है तो कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती। जमीयत उलेमा ए हिंद ने सोमवार को याचिका दायर कर राज्य सरकार को निर्देश जारी करने की मांग की थी कि किसी आरोपी की संपत्ति पर तत्काल कार्रवाई न की जाए। इसके साथ ही जमीयत ने कहा था कि कानपुर में संपत्ति ढहाने की तैयारियों पर रोक लगाई जाए। और बुलडोदर चलाने की कार्रवाई में शामिल अफसरों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा यूपी सरकार का हलफनाम आने दीजिए। जो कार्रवाई होगी वो नियमानुसार ही होगी। अगर कोई निर्दोष है तो उसे न्याय मिलेगा।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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