पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कई भार कह चुके हैं कि यह भारत का हिस्सा है और हम इसे लेकर रहेंगे। और अब लगता है कि, ही पीओके (Pak Occupied Jammu & Kashmir) को भारत में वापस शामिल करने का काम तेज हो गया है। क्योंकि,अब केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर को फिर से हासिल करना अगला एजेंडा है।
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भारत में जब-जब पीओके का मुद्दा उठा है तब-तब पाकिस्तान की सरकार और आर्मी में खलबली मच गई है। ये पाकिस्तान को भी पता है कि भारत किसी भी दिन पीओके को वापस ले लेगा। दिल्ली में PoK के विस्थापितों को समर्पित 'मीरपुर बलिदान दिवस' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, जिस नेतृत्व के पास संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने की क्षमता और इच्छाशक्ति है, वो ही पाकि्सातन के अवैध कब्जे से POK को फिर से हासिल करने की क्षमता रखता है।
Addressed "Mirpur Balidan Diwas" dedicated to #PoJK displaced persons. PM @narendramodi has sought to redeem the injustice done to PoJK families by the earlier governments over the last 70 years. pic.twitter.com/JsJAenb35U
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) November 21, 2021
आगे अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि, भारतीय उपमहाद्वीप का विभाजन मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़ी त्रासदी थी। जम्मू कश्मीर को तत्कालीन रियासत के एक हिस्से को खोने के रूप में दूसरी त्रासदी का सामना करना पड़ा, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में चला गया। उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (PoK) को फिर से प्राप्त करना अगला एजेंडा है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि, ये हमेशा माना जाता था कि अनुच्छेद 370 को कभी भी निरस्त नहीं किया जाएगा, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ये संभव हुआ और इसी तरह Pok को फिर से प्राप्त करने का संकल्प भी पूरी होगा। पीओजेके को फिर से हासिल करना न केवल एक राजनीतिक और राष्ट्रीय एजेंडा है, बल्कि मानवाधिकारों के सम्मान की जिम्मेदारी भी है क्योंकि पीओजेके में हमारे भाई अमानवीय परिस्थितियों में रह रहे हैं और स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से उन्हें महरूम रखा गया है।
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जम्मू कश्मीर के उधमपुर से लोकसभा सदस्य केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि, तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने आजादी के समय 560 से अधिक रियासतों के विलय की जिम्मेदारी संभाली थी और इसे सफलतापूर्वक पूरा किया था, लेकिन उन्हें जम्मू-कश्मीर के मामले से अलग रखा गया था क्योंकि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जम्मू-कश्मीर को अपने स्तर पर संभालना चाहते थे।