यूपी चुनाव के प्रत्याशियों को लेकर दिल्ली में तीन दिन से मंथन चल रहा है। सूत्रों की मानें तो अब तक यूपी में होने वाले चुनावों में तीन चरणों के प्रत्याशियों की लिस्ट बीजेपी ने फाइनल कर ली है। उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद जारी सियासी उठा-पटक के बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी रणनीति बदल ली है। सूत्रों के अनुसार, मौर्य के इस्तीफे के बाद शाह ने योगी आदित्यनाथ और अन्य नेताओं के साथ लंबी चर्चा की है। जिसमें पार्टी के करीब 40 एलएलए के टिकट काटने की बात कही गई।
सूत्रों की मानें तो अमित शाह उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में सिटिंग विधायकों का अंधाधुंध टिकट काटने के फैसले के खिलाफ हैं। माना जा रहा है कि अब मौजूदा विधायकों के टिकट पहले की तुलना में कम कटेंगे और कुछ विधायकों का सीट बदलकर उन्हें दूसरी सीट पर से चुनाव लड़ाया जाएगा। बीजेपी के इस फैसले से उन विधायकों को राहत मिलेगी, जिनका पत्ता कटने वाला था। आपको बता दें कि कयास लगाए जा रहे है कि यूपी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के करीब 100 मौजूदा विधायकों का पत्ता कट सकता है। लेकिन अब इसकी समीक्षा की जा रही है। हो सकता है कि अब ज्यादा टिकट न काटे जाएं।
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सूत्रों का कहना है कि जहां की रिपोर्ट अधिक खराब है, वहीं बदलाव होगा। बीजेपी के बड़े नेताओं ने मौर्य के साथ जा सकने वाले विधायकों और अन्य को फोन किए हैं। मौर्य को भी रोकने की कोशिशें हो रही हैं, हालांकि वह बहुत आगे बढ़ गए हैं। बीजेपी में कहा जा रहा है कि मौर्य अपने बेटे उत्कर्ष के लिए रायबरेली की उंचाहार सीट से बीजेपी की टिकट चाह रहे थे, लेकिन बीजेपी सहमत इसलिए नहीं दिख रही थी कि उत्कर्ष इसी सीट से पिछला चुनाव हार गए थे। मौर्य की बेटी बदायूं से बीजेपी सांसद हैं। उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है और उनके जरिए भी मौर्य से बात की कोशिश हो रही है।