यूपी में <strong>लव जिहाद</strong> कानून बनते ही सरकारी मशीनरी हरकत में आ गई है। हिंदु लड़कियों को बहला-फुसला के धर्मपरिवर्तन और निकाह कराने की साजिशों पर अब लगाम लगने की उम्मीद बन रही है। इस का एक उदाहरण बरेली जिले के देवरानिया थाने में नए जबरन धर्मान्तरण प्रतिषेध कानून के तहत दर्ज पहला मामला है। योगी कैबिनेट से पारित इस अध्यादेश को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 27 तारीख को मंजूरी दी थी और बरेली जिले के देवरनियां में 28 नवंबर को ही पहला मुकदमा दर्ज कर लिया गया।  हालांकि, नए कानून में <span style="color: #000080;">'<span style="color: #333333;">लव जिहाद</span></span>' का जिक्र नहीं है। लेकिन यह कहा गया है कि जबरन धर्म परिवर्तन पर एक्शन लिया जाएगा।
दूसरी ओर इस कानून के खिलाफ भी कई आवाजें उठ रही हैं। इसका विरोध करने वालों में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन लोकुर भी शामिल हैं। लोकुर ने कहा है कि ये कानून फ्रीडम ऑफ च्वाइस के खिलाफ है। फिल्हाल, राजनीतिक चर्चाओं में <a href="https://hindi.indianarrative.com/india/up-yogi-ordinance-stop-conversion-governor-approval-19582.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer">लव जिहाद</a> कहे जाने वाले मामले को ही गैर कानूनी धर्मांतरण माना जाएगा और ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर 5 से 10 साल की सजा की बात कही गई है।
पिछले दिनों हाईकोर्ट ने एक फैसले में महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन को अवैध ठहराया था। प्रियांशी उर्फ समरीन व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि शादी के लिए धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। विवाह के लिए धर्म परिर्वतन आवश्यक नहीं है। इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि सरकार एक प्रभावी कानून बनाएगी। इस कानून के जरिए सरकार नाम, पहचान और अपना धर्म छिपाकर बहन बेटियों के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों से सख्ती से पेश आएगी।
<h4><strong>जुर्म साबित होने पर क्या होगा</strong><strong>?</strong></h4>
जबरन धर्मान्तरण प्रतिषेध कानून के तहत मिथ्या, झूठ, जबरन, प्रभाव दिखाकर, धमकाकर, लालच देकर, विवाह के नाम पर या धोखे से किया या कराया गया धर्म परिवर्तन अपराध की श्रेणी में आएगा।
<h4>आरोपी को ही देने होंगे सबूत!</h4>
धर्म परिवर्तन कराने या करने के मामलों में अगर एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन नहीं किया गया तो इसका सबूत देने की जिम्मेदारी आरोपी शख्स की होगी। यदि कोई शख्स केवल शादी के लिए लड़की का धर्म परिवर्तन करता है या कराता है तो ऐसे में उस शादी को शून्य माना जाएगा। इसका मतलब हुआ कि ऐसी शादी कानून की नजर में अवैध होगी। कानूनी प्रावधानों के मुताबिक इसके उपबंधों का उल्लंघन करने पर कम से कम एक साल और अधिकतम 5 साल की सजा का प्रावधान है। साथ ही कम से कम 15 हजार रुपये का जुर्माना और सजा दोनों एक साथ हो सकते हैं।
 
 
 
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