UP Madrasa Survey Report: उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे (UP Madrasa Survey Report) की बात जब सामने आई तो उस वक्त कट्टरपंथियों में जमकर हो हल्ला मच गया। इसका जमकर विरोध किया जाने लगा। लेकिन, सरकार क्या चाहती थी उसके पीछे जानने से कोई मतलब नहीं था। सरकार सर्वे के जरिए मदरसों को आधुनिक तकनीक और आधुनिक शिक्षा से लैस करना चाहती है। ताकी वहां पढ़ रहे बच्चों का भविष्य चमक उठे। लेकिन, इन कट्टरपंथियों को सिर्फ अपने राजनीति से मतलबत है। शिक्षा से कोई लेना देना नहीं है। सरकार ने खुद कहा है कि, मदरसों के सर्वे का मकसद उसमें पढ़ने वाले बच्चों को आधुनिक तकनीक और आधुनिक शिक्षा से लैस करना है। इस सर्वे (UP Madrasa Survey Report) को लेकर देवबंद के कुछ संगठनों ने विरोध किया था। लेकिन, इन्हें दरकिनार करते हुए सरकार ने सर्वे पूरा कर लिया है। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा है कि, राज्य के मदरसों का सर्वे (UP Madrasa Survey Report) पूरा हो चुका है और सरकार जल्द ही सर्वे में प्राप्त सूचनाओं के आधार पर नीतिगत निर्णय लेगी।
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इन मदरसों पर सरकार की पैनी नजर
उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे (UP Madrasa Survey Report) का काम पिछले महीने अक्टूबर में शुरू किया गया था। मंगलावर को सभी जिलों के मदरसों का सर्वे समाप्त हो गया और शेष 15 जिलों की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है। अब सर्वे के निष्कर्षों पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, हमने राज्य में उन मदरसों पर विशेष ध्यान दिया है जो सरकारी मानदंडों के खिलाफ चल रहे हैं और अब हम अगला कदम तय करेंगे। इसके आगे उन्होंने कहा कि, कानून का उल्लंघन कर संचालित हो रहे मदरसों पर विशेष ध्यान दिया गया है। हमने राज्य में उन मदरसों पर विशेष ध्यान दिया है जो सरकारी मानदंडों के खिलाफ चल रहे हैं और अब हम अगला कदम तय करेंगे।
मदरसों के बच्चों की गुणवत्ता में सुधार की कोशिश
धर्मपाल सिंह ने स्पष्ट किया है कि, यह सर्वेक्षण अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए किया गया था। वहीं, यूपी मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष जावेद इफ्तिखार ने कहा कि सभी मदरसों ने राज्य भर में सर्वेक्षण करने वाले अधिकारियों की टीम के साथ सहयोग किया। उन्होंने दावा किया कि योगी आदित्यनाथ सरकार मदरसों का विश्वास जीतने में सफल रही है और राज्य के 75 जिलों में सफल सर्वेक्षण ने एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है और यह मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा में लाने और उनके शिक्षण मानकों में सुधार करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगा।
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अवैध मदरसों पर सरकार की पैनी नजर
ये बात भुलाई नहीं जा सकती कि उत्तर प्रदेश के कई मदरसों से कई आतंकी पकड़े जा चुके हैं। मदरसों का आथंकी कनेक्शन के चलते सरकार काफी पहले ही सख्त हो चुकी थी। ऐसे में माना जा रहा है कि, योगी सरकार की नजर खासकर अवैध मदरसों में संचालित होने वाली गतिविधियों पर है। इसलिए अनुमान मनाया जा रहा है कि, योगी सरकार मदरसों के सुदृढ़ीकरण के साथ अवैध तरीके से संचालित हो रहे मदरसों पर नकेल कसने की तैयारी में है। सरकार का मानना है कि देश की सुरक्षा के लिये भी मदरसों के संचालकों और उनके फंडिंग तंत्र पर निगाह रखना जरूरी है। ये भी बताते चलें कि, एक महीने पहले 12 अक्टूबर को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा था कि राज्य में 6436 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। अब सर्वे हो चुका है तो ऐसे में सरकार किसी बड़े एक्शन की तैयारी में है। ऐसे में हर किसी की निगाहें फिलहाल योगी सरकार के अगले कदम पर टिकी हुई है।
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