राष्ट्रीय

महाराष्ट्र रोडवेज़ को मिली पहली Woman Bus Driver

महाराष्ट्र के नांदेड़ ज़िले की 30 वर्षीय महिला अर्चना अत्राम ने सासवड से नीरा तक राज्य परिवहन की बस चलाकर इतिहास रच दिया है। 35 किलोमीटर की दूरी तय करके वह महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम की पहली महिला ड्राइवर बन गयी हैं।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>Another glass ceiling broken!<br>Ms. Archana Atram creates history by becoming the first woman driver of Maharashtra State Road Transport Corporation. <br>She drove the ST Bus from Saswad to Nira (District Pune). Soon we will see Ms. Atram with a woman bus conductor and all passengers… <a href=”https://t.co/PgZYxbhZ3H”>pic.twitter.com/PgZYxbhZ3H</a></p>&mdash; Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) <a href=”https://twitter.com/Dev_Fadnavis/status/1669003767306653697?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 14, 2023</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

निगम ड्राइवर पद के लिए महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करता रहा है, लेकिन ये ख़ाली रह जाती हैं। बाद में उन्हें पुरुष उम्मीदवारों को आवंटित कर दिया जाता है।

इस बार एमएसआरटीसी स्टाफ में छह महिला चालक शामिल हुई हैं और उनमें से एक अत्राम हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि जब वे पुणे में ड्राइवर की ट्रेनिंग लेने आई थीं, तब उन्हें साइकिल चलाना भी नहीं आता था। क्लच और ब्रेक के बीच अंतर करने या गियर की पहचान करने में असमर्थ होने के कारण उन्हें शुरू से ही उनके ट्रेनर द्वारा सिखाया गया था।

उन्होंने बताया कि ड्राइवर बनने के प्रयास में उन्हें पिता, भाई, भाभी समेत पूरे परिवार का साथ मिला।

डिपो में उनके सहयोगी उनकी इस उपलब्धि के लिए ख़ुश हैं। कई लोगों ने उनके ड्राइविंग कौशल की सराहना की और कहा कि बस जैसे भारी वाहन को चलाना आसान नहीं है।

उनकी इस उपलब्धि को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महिला आयोग की प्रमुख रूपाली चाकणकर ने भी शेयर किया है।

बहुत पहले 2012 में MSRTC ने महिला ड्राइवरों के लिए 86 सीटें आरक्षित की थीं, लेकिन कोई आवेदन नहीं मिलने के कारण इसे नहीं भरा जा सका था। 2019 में भारी वाहन चलाने का चार साल का अनुभव रखने के मानदंड में बदलाव किया गया और 150 महिला ड्राइवर-कम-कंडक्टर को नौकरी के लिए चुना गया। इनमें से अत्राम समेत छह महिला ड्राइवरों को गाड़ी चलाने की ज़िम्मेदारी दी गयी ।

S. Ravi

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