Vijay Divas: बांग्लादेश में इंडियन आर्मी ने बचाई थी जनरल नियाजी की जान, 1 लाख पाकिस्तानी फौज के साथ किया था समर्पण!

<div id="cke_pastebin">
<p>
बांग्लादेश अपनी आजादी के 50 साल पूरे कर रहा है। 1971 की जंग में पाकिस्तान टूट गया और पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बन गया। भारत ने इस जंग के जरिए इतिहास रचते हुए दक्षिण एशिया का भूगोल बदल दिया। भारत के आगे पाकिस्तान की हालत यह हुई कि उसे सरेंडर करना पड़ा। और इस सरेंडर के दौरान पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी को हजारों की भिड़ ने जान से मारना चाहती थी लेकिन उस दौरान भारतीय सेना ने उन्हें बचा लिया। उस दौरान जब पाकिस्तान जब सरेंडर के दस्तावेजों पर दस्तखत कर रहा था तो वहां पर सैन्य अधिकारियों के बीच सिर्फ एक सिविलियन ए.के.रे मौजूद थे।</p>
<div id="cke_pastebin">
<strong>यह भी पढ़ें- <a href="https://hindi.indianarrative.com/india-news/know-indo-pak-war-secreats-of-days-bangladesh-liberation-victory-34300.html">1971 युद्ध, भारत ने महज 13 दिनों में पाकिस्तान का गुरूर किया 'चकनाचूर'</a></strong></div>
<div>
<a href="https://hindi.indianarrative.com/india-news/know-indo-pak-war-secreats-of-days-bangladesh-liberation-victory-34300.html"><strong><br />
</strong></a></div>
<div>
पाकिस्तानी सेना के सरेंडर के वक्त रे ने भारत सरकार, बांग्लादेश की निर्वासित सरकार, मुक्ति वाहिनी और भारतीय सेना के बीच सेतु की भूमिका निभाई थी। उनकी बेटी ने उनके संस्मरणों के जरिए उनकी ही जुबानी सरेंडर की कहानी बयां की है। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने उस दौरान की पुरी कहानी सुनाई। 16 दिसंबर 1971 को सुबह 11 बजे एक फोन आता है और लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा उनसे पूछते हैं कि क्या वो सफर के लिए तैयार हैं, उन्होंने हां बोला तो उन्होंने कहा कि, तब नया सूट पहन लो और मुझसे दोपहर 2 बजे दम-दम में मिलो। उन्होंने फिर पूछा तो मैं इसे पक्का समझू. लेफ्टिनेंट बोलें हा पक्का, चार बजे होना है।</div>
<p>
उन्होंने कहा कि, मैंने खुद के रवाना होने को लेकर पूछा, 'क्या मेरे वहां जाने को दिल्ली से हरी झंडी मिल गई है?' उन्होंने कहा, 'चीफ आपकी सेक्रटरी से बात करेंगे।' यह सुनकर मैंने उनसे कहा, 'तब ठीक है। मैं आपसे दोपहर 2 बजे मिलता हूं।' फिर उन्होंने विदेश मंत्रालय में सचिव एसके बनर्जीको फोन मिलाया ता उधर से जवाब आया 'गो अहेड'। उसके बाद वो अपने अफसरों को कुछ निर्देश देकर पुराने सूट पहनकर निकले के लिए तैयार हुए। इसके बाद उन्होंने अरुंधति घोष (भारतीय विदेश सेवा की अफसर) से कहा कि वह दिल्ली में उनकी पत्नी का ख्याल रखें और उनको बता दें कि मैं ढाका के लिए रवाना हो रहा हूं। उन्होंने भरोसा दिया कि परिवार को लेकर बेफिक्र रहिए, अब यह उनकी चिंता है।</p>
<p>
उसके बाद इंडियन एयरफोर्स के HS-748 से उन्होंने दम दम से उड़ान भरी। उस दौरान उनके साथ खुद एयर वाइस मार्शल एस सी दीवान थे। एक घंटे के सफर के बाद वो अगरतला पहुंचे फिर वहां से उन्होंने एक अलुवेट (एक सिंगल इंजन वाला हेलिकॉप्टर) के जरिए ढाका के धानमंडी एयरपोर्ट पर उतरे। रनवे पर मिग-21 लड़ाकू विमानों से बने निशान अब भी मौजूद थे।</p>
<p>
<strong>यह भी पढ़ें-</strong> <a href="https://hindi.indianarrative.com/india-news/indian-army-1971-war-battle-of-hili-the-bloodiest-battle-story-34298.html"><strong>1971 के युद्ध की सबसे खूनी लड़ाई ‘बैटल ऑफ हिली’, जहां Indian Army का बजा डंका</strong></a></p>
<p>
वहां उनकी मुलाकात मेजर जनरल (बाद में लेफ्टिनेंट जनरल) जेएफआर जैकब से हुई जो ईस्टर्न कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ थे। वो वहां उनसे पहले ही पहुंच चुके थे। इसी दौरान पाकिस्तानी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए.ए.के. नियाजी आते दिए। अपनी कार से उतरने के बाद वो रमना मैदन के लिए रवाना हो गए। अरोड़ा अपने साथ सरेंडर वाले कागजात रखे हुए थे।</p>
<p>
उस दौरान सबसे बड़ी समस्या थी कि सरेंडर के दस्तावेजों पर दस्तखत के वक्त बांग्लादेश सरकार का प्रतिनिधित्व कौन करेगा। तीन बटालियन कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल सैफुल्लाह, खालिद मुशर्रफ और जिया-उर-रहमान ऐसी जगह पर थे जहां से उन्हें एयर-लिफ्ट करके भी वहां समय पर नहीं लाया जा सकता था। इसलिए मुजीबनगर में मौजूद इकलौते सैन्य अफसर ग्रुप कैप्टन एके खोंडकर के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। वह नए-नए बने बांग्लादेश एयर फोर्स के चीफ थे। उनकी यूनिफॉर्म भी तैयार नहीं थी। उन्हें बुलाया गया।</p>
<p>
उन्होंने बताया कि जहां सरेंडर होना था उस मैदान में हमारे सिर्फ 300 के करीब जवान थे वहीं, ढाका में करीब 3000 पाकिस्तानी सैनिक मौजूद थे। मैदान के चारो ओर हजार-दो हजार आम लोगों की भीड़ मौजूद थी जिन्हें ठीक-ठीक यह नहीं पता था कि यहां असल में क्या होना है, अगले कुछ पलों में वे क्या देखने वाले हैं।</p>
<p>
आगे कि दांस्ता उन्होंने सुनाते हुए कहा कि, पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी आत्मसमर्पण की दस्तावेजों पर दस्तखत किए और अपने हथियार नीचे रख दिए। और जैसे ही वो अपने बेल्ट को उतारने लगे वैसे ही वो फफक-फफककर रोने लगे। भारतीय सेना ने उस नियाजी को अपने सामने घुटने टेकने के लिए मजबूर किया था जिसके बारे में कराची से एक अमेरिकी महिला पत्रकार ने लिखा था कि, जब टाइगर नियाजी के टैंक गरजेंगे तो भारतीय अपनी जान बचाने के लिए भागते फिरेंगे।</p>
<p>
<strong>यह भी पढ़ें-</strong> <a href="https://hindi.indianarrative.com/india-news/manabendra-nath-roy-had-drafted-the-first-constitution-before-br-ambedkar-but-mahatma-gandhi-rejected-it-34398.html"><strong> कौन थे वो जिन्होंने तैयार किया था आजाद भारत के संविधान का पहला ड्रॉफ्ट और गांधी जी ने क्यों कर दिया खारिज, देखें खास रिपोर्ट</strong></a></p>
<p>
आत्मसमर्पण के दौरान भीड़ में से अचानक किसी की आवाज आई कि 'अरे…. ये तो सा… नियाजी है। जिसके बाद भीड़ उग्र होने लगी। इसके बाद उन्होंने कहा कि, वो नागरा और दर्जनभर दूसरे अफसरों ने नियाजी के चारो ओर एक चेन बना लिया। उसके बाद नागरा ने नियाजी को जीप में डाल दिया और बिजली की रफ्तार से कैंट की तरफ गाड़ी दौड़ा दिया। उन्होंने कहा कि, अगर उस दौरान तेजी नहीं दिखाई होती तो भीड़ नियाजी को पीट-पीटकर मार देती। लेकिन नियाजी को बचाना था क्योंकि तब वह युद्धबंदी थे।</p>
</div>

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago