पाकिस्तान से जान बचाकर भागे हिंदू-बंगालियों को यूपी में योगी का सहारा, ‘नफरत खान- ओवैसी भाईजान’ का पारा सातवें आसमान पर!

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार राज्य के लोगों के हित में काम कर रही है, इस कड़ी में अब योगी सरकार उन लोगों के लिए उदार हुई है जो पाकिस्तान से इज्जत बचाकर हिंदुस्तान आने के बाद उत्तर प्रदेश में शरण ली थी। पाकिस्तान से आए हिंदु और बंगालियों को योगी सरकार ने राज्य में शरण देते हए नागरिकता के साथ 2-2 एकड़ जमीन और घर की भी व्यवस्था का ऐलान किया है। सरकार के इस एलान के बाद ये लोग काफी खुश हैं।</p>
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दरअसल, वर्ष 1970 में पाकिस्तान छोड़कर 63 हिंदू बंगाली परिवार उत्तर प्रदेश आए और जो कानपुर में बसे। राज्य की योगी सरकार इन परिवारों को कानपुर देहात के रसूलाबाद तहसील अंतर्गत भैंसाया गांव में पुनर्वासित किया है। इसके साथ ही दो-दो एकड़ और घर बनाने के लिए 200 वर्ग मीटर जमीन दी जाएगी। घर बनाने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना से 1.20 लाख रुपये भी दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।</p>
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गौरतलब हो कि, वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से 65 बंगाली परिवरा उत्तर प्रदेश आए थे। इनको रोजगार देकर मदन कपास मिल हस्तिनापुर मेरण में पुनर्वास किया गया था। यह मिल 8 अगस्त 1984 को बंद हो गई थी जिसके बाद इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। हालांकि,दो परिवारों के सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है ऐसे में 63 परिवार पिछले 30 साल से पुनर्वास का इंतजार कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्हें पुनर्वासित करने के लिए बुधवार को प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इनके लिए कानपुर देहात में 300 एकड़ जमीन चिह्रित किया गया है। इस जमीन में भूमि सुधाव व सिंचाई सुविधा मनरेगा से विकसित कराई जाएगी, जिससे इन्हें अच्छी सुविधाएं मिल सकें।</p>
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इन परिवारों को खेती व मकान बनाने के लिए जमीन एक रुपये लीज रेंट पर 30 वर्ष के लिए पट्टे पर दी जाएगी। यह पट्टा अधिकतम दो बार 30-30 वर्ष यानी कुल 90 वर्ष के लिए नवीनीकरण हो सकेगा। अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह जल्द ही जमीन देखने जाएंगे और पुनर्वास संबंधी जानकारियां लेंगे। पूर्वी पाकिस्तान से वर्ष 1970 में विस्थापित परिवारों के पुनर्वासन के लिए व्यवस्था की गई थी।</p>
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आईएन ब्यूरो

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