मिशन मून Chandrayaan-3 की सफलता के बाद भारत को जहां दुनिया सलाम कर रही है,वहीं इस मिशन के पीछे जिन वैज्ञानिकों का सहयोग रहा है उनके हौसले के बारे में अगर आप जान लेंगे तो कहेंगे,वाह क्या बात है,इनके जज्बे को सलाम। चन्द्रयान मिशन को सफल बनाने में लगे ऐसे ही एक वैज्ञानिक जिनका पूरा परिवार मणिपुर हिंसा का पीड़ित रहा है,लेकिन इस वैज्ञानिक ने अपने हौसले टूटने नहीं दिया ,लगा रहा उस स्वर्णिम इतिहास को रचने में जिसे आने वाली पीढ़ी हमेशा याद रखेगी।
Chandrayaan-3 मिशन में मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के वैज्ञानिक निंगथौजम रघु सिंह दो साल से अपने घर नहीं गए हैं लेकिन राज्य में परिवार के फंसे होने की चिंता के बावजूद वो चंद्रयान मिशन में कड़ी मेहनत करते रहे हैं। इसरो के वैज्ञानिक निंगथौजम उन अहम लोगों में शामिल हैं जो चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर भेजने के लिए जिम्मेदार लोगों में से एक हैं।
मणिपुर की हिंसा को लेकर हर भारतीय चिंतित है, लेकिन एक ऐसे भी वैज्ञानिक हैं जिन्होंने इस चिंता को मन में रख देशहित को सबसे आगे रखा। हम बात कर रहे हैं रॉकेट वैज्ञानिक निंगथौजम रघु सिंह की जो अपने काम के प्रति प्रेम के कारण दो साल से अधिक समय से मणिपुर स्थित अपने घर तक नहीं गए।
मछुआरे के परिवार से हैं रघु सिंह
बिष्णुपुर जिले के थांगा गांव के चाओबा सिंह और एन याइमाबी देवी के पुत्र रघु सिंह एक साधारण मछली पकड़ने वाले परिवार से आते हैं, जो लोकटक झील से घिरी पहाड़ियों में स्थित है। वह आईआईएससी बैंगलोर के पूर्व छात्र हैं। सिंह ने आईआईटी-गुवाहाटी से फिजिक्स में स्नातकोत्तर (स्वर्ण पदक विजेता) पूरा किया और डीएम कॉलेज ऑफ साइंस इम्फाल से फिजिक्स में स्नातक किया। वह 2006 में वैज्ञानिक के रूप में इसरो में शामिल हुए।
चंद्रयान-3 की सफलता में निंगथौजम की अहम भूमिका
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक निंगथौजम सिंह उन अहम लोगों में शामिल थे, जो चंद्रयान-3(Chandrayaan-3) को चंद्रमा पर भेजने के लिए जिम्मेदार लोगों में से एक थे। उन्होंने कहा ‘मुझे घर की याद आती है, लेकिन अपने काम की महत्वता के कारण लगभग दो साल से वहां नहीं गया हूं। अभी तक यह तय नहीं किया है कि अगली बार घर कब जाना है। लेकिन, मुझे अपने माता-पिता के साथ लगभग हर दिन बातचीत करने में मदद करने के लिए व्हाट्सएप और फेसबुक जैसी तकनीक को धन्यवाद देना चाहिए।‘
अब मनुश्य को अंतरिक्ष पर ले जाने की तैयारी
वैज्ञानिक निंगथौजम सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिंग भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के अधिक महत्वाकांक्षी अगले अध्याय की शुरुआत है, जो सूर्य का अध्ययन करेगा और गगनयान कार्यक्रम के तहत भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा। उन्होंने कहा कि अब हम मिशन गगनयान पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसमें तीन दिवसीय मिशन के लिए तीन सदस्यों के चालक दल को 400 किमी की कक्षा में लॉन्च करेंगे।
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