धुन की पक्की, ऊर्जावान और चेहरे से स्वावलंबन की झलक,कुछ नया करने का हौसला, न तो किसी के सामने आगे झुकी, न ही पुरुषवादी मानसिकता वाली समाज से डरी,बल्कि हमेशा पुरुषों के साथ क़दम से क़दम मिलाकर निरंतर आगे बढ़ती रही,वो कोई और नहीं बल्कि मेहरुन्निसा शौकत अली,जिसे हिन्दुस्तान की पहली महिला बाउंसर होने का गौरव प्राप्त है। एस समय था, जब मेहरुन्निसा आर्मी या फिर पुलिस ऑफ़िसर बनकर देश की सेवा करना चाहती थी,लेकिन वक्त के आगे किसकी चलती है।
किसी कारण वश मेहरुन्निसा अपने सपने को पंख तो नहीं लगा सकी,लेकिन अपने इस सपने को एक नई दिशा ज़रूर दे दी। मेहरुन्निसा अब एक बाउंसर हैं। मेहरुन्निसा दिल्ली के हौज खास विलेज में बतौर बाउंसर काम कर रही हैं।लेकिन, इसके पीछे मेहरुन्निसा की कहानी संघर्षभरी रही है।
मेहरुन्निसा शौकत अली की कहानी वैसी तमाम महिलाओं के लिए प्रेरणा से कम नहीं, जिन महिलाओं ने खुली आंखों से बड़े-बड़े सपने देखे हैं या देख रही हैं।
दरअसल, मेहरुन्निसा की संघर्षगाथा उसके अपने ही घर से शुरु होती है। वह अपने घर में भी एक अलग तरह की लड़ाई लड़ रही थी। जब वो छोटी थी, तो उनके पिता घर के बिजली कनेक्शन कटवा देते थे,ताकि उनकी बेटी पढ़ ना पाए। मेहरुन्निसा के पिता की सोच थी कि अगर उनकी बेटियां पढ़ लिख लेगी, तो वो अपनी पसंद के लड़के से शादी करने की जिद्द करेगी और वो घर से भाग जाएगी। लेकिन, पिता के इस सोच से बिल्कुल उलट उनकी मां अपनी बेटियों को पढ़ा लिखा कर उसे आत्मनिर्भर बनाना चाहती थीं। औऱ इसके लिए मेहरुन्निसा की मां ने अपने पति के साथ समाज से भी लड़ाई की,और इस तरह मेहरुन्निसा औऱ उसकी बहनों को स्कूल जाने का मौका मिला।
उत्तरप्रदेश के सहारनपुर की रहने वाली मेहरुन्निसा हिन्दुस्तान की पहली महिला बाउंसर बनीं। बाउंसर एक ऐसा प्रोफेशन है,जिसमें उस वक्त तक पुरुष ही होते थे। लेकिन, कभी किसी के आगे न झुकने वाली मेहरुन्निसा दिल्ली के हौज खास विलेज के एक रेस्टोरेंट में अपने ड्यूटी के दौरान होने वाले झगड़े को न सिर्फ सुलझाती हैं,बल्कि ग़ैरकानूनी ड्रग को पकड़वाने और महिला ग्राहक की सुरक्षा का खास ध्यान देती हैं।
जीवन में कुछ अलग करने की जिद्द
मेहरुन्निसा जिद्दी और कभी न हार मानने वाली एक संकल्पित महिला रहीं। बहन की तरह मेहरुनिस्सा की भी शादी 12 की उम्र में हो जाती। लेकिन, उसने ठान ली थी कि जीवन में कुछ ऐसा करना है, जो न सिर्फ उनको अच्छा लगेस, बल्कि बेटियों के लिए प्रेरक भी साबित हों।चार बहनों में दूसरे स्थान पर मेहरुनिस्सा हमेशा से एक पुलिस अधिकारी बनना चाहती थी। इसलिए उन्होंने NCC भी ज्वाइन कर लिया,साथ ही कराटे भी सीखे ताकि उन्हें पुलिस की नौकरी मिल जाए। उसी समय मेहरुन्निसा ने दिल्ली में फीमेल बाउंसर की भर्ती के बारे में सुना,और उसने अप्लाई कर दिया। आज मेहरुन्निसा एक सफल बाउंसर हैं। साथ ही मेहरुन्निसा शौकत अली के उपर अपनी छोटी बहन के तीन बच्चों की पूरी जिम्मेदारी भी है, जिसे वो बखूभी निभा रही हैं।
ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…
मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…
हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…
इजरायल (Israel) और फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…
Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…
The Kashmir Files के डायरेक्टर पर बॉलीवुड अदाकारा आशा पारेख बुरी तरह बिफर गई। विवेक…