Kark Sankranti 2021: कर्क संक्रांति आज, इन उपायों से सूर्य देव को करें प्रसन्न, भूलकर भी न करें कोई शुभ काम

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आज कर्क संक्रांति है। आज सूर्य देव कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। चूंकि सूर्य देव कर्क राशि में विराजमान होने जा रहे है, इसलिए इसे 'कर्क संक्राति' कहते हैं। धार्मिक दृष्टि से ये संक्रांति बेहद खास मानी जाती है। कर्क संक्रांति को किसी भी शुभ और नए कार्य के प्रारंभ के लिए शुभ नहीं माना जाता है। इस दिन सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए। कहते हैं कि संक्रांति में की गई सूर्य उपासना से दोषों का शमन होता है। सूर्य संक्रांति पर आदित्य स्तोत्र एवं सूर्य मंत्र का पाठ करें। इस समय में शहद का प्रयोग लाभकारी माना जाता है।</p>
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कर्क संक्रांति पर वस्त्र एवं खाने की चीजों और विशेषकर तेल के दान का विशेष महत्व है। कर्क संक्रांति से ही दक्षिणायन की शुरूआत होती है जिसकी अवधि छह माह तक होती है। आइए जानते हैं कर्क संक्रांति की पूजा विधि, महत्व और उपाय के बारे में।</p>
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<strong>कर्क संक्रांति का मुहूर्त</strong></p>
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कर्क संक्रांति पुण्य काल – सुबह 05:34 से शाम 05:09 तक</p>
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संक्रांति महापुण्य काल – दोपहर 02:51 से शाम 05:09 तक</p>
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कर्क राशि में प्रवेश करने का समय – शाम 04:41</p>
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<strong>ऐसे करें कर्क संक्रांति की पूजा</strong></p>
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सुबह जल्दी उठकर घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। इसके बाद पूजा करें। पूजा समाप्त होने के बाद दान आदि का कार्य करें। इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन तुलसी के पत्र से भगवान विष्णु की पूजा करना श्रेष्ठ फलदायी माना गया है। इस दिन सूर्य देव को जल अर्पित करें और दान आदि के कार्य करें। ऐसा करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयां दूर होती हैं और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।</p>
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<strong>कर्क संक्राति के नियमों का न करें उल्लंघन</strong></p>
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कर्क संक्रांति को किसी भी शुभ और नए कार्य के प्रारंभ के लिए शुभ नहीं माना जाता है। धार्मिक मतों के अनुसार, दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि कहा जाता है। इस समय काल में सभी देवी-देवता योग निंद्रा में होते हैं। दक्षिणायन से चातुर्मास का प्रारंभ होता है। ऐसे में कोई मांगलिक कार्य जैसे विवाह, लगन, सगाई, मुंडन आदि न करने की सलाह दी जाती है। इस दिन सूर्यदेव को जल अर्पित करें. संक्रांति में की गई सूर्य उपासना से दोषों का शमन होता है. इस दिन आदित्य स्तोत्र एवं सूर्य मंत्र का पाठ करें। इस समय में शहद का प्रयोग लाभकारी माना जाता है। कर्क संक्रांति पर कपड़े और खाने की चीजों खासतौर पर तेल के दान का विशेष महत्व है।</p>

आईएन ब्यूरो

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