कारगिल-लेह में रोजगार बढ़ाकर कर चेहरों पर मुस्कान ला रही खादी

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा सृजित स्व-रोजगार के परिणामस्वरूप कारगिल और लेह के शांत हिमालयी क्षेत्रों में उत्पादन गतिविधियां फल-फूल रही हैं। खादी के कारण बढ़ता रोजगार कारगिल-लेह में स्थानीय लोगों के चेहरों पर मुस्कान को भी बढ़ा रहा है।

2017-18 से केवीआईसी ने कारगिल और लेह में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना के तहत लगभग 1000 विभिन्न छोटी और मध्यम विनिर्माण इकाइयां स्थापित की हैं। इनसे केवल साढ़े तीन साल की अवधि में ही स्थानीय युवाओं के लिए 8200 से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं। इन इकाइयों ने 2017-18 से 32.35 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी जारी की है।

सीमेंट ब्लॉकों के विनिर्माण से लेकर लोहे और स्टील की वस्तुओं के विनिर्माण, ऑटो-मोबाइल मरम्मत वर्कशॉप, टेलरिंग इकाइयां, लकड़ी की फर्नीचर निर्माण इकाइयां, लकड़ी पर नक्काशी की इकाइयां, साइबर कैफे, ब्यूटी पार्लर और सोने के आभूषणों के निर्माण आदि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें केवीआईसी ने सहायता प्रदान की है। इससे स्थानीय लोगों को सम्मानजनक आजीविका अर्जित करने में मदद मिली है। यहां तक कि 2020-21 के पहले 6 महीनों के दौरान, कोविड-19 लॉकडाउन के बावजूद केवीआईसी ने विभिन्न क्षेत्रों में कारगिल में 26 और लेह में 24 नई परियोजनाएं स्थापित करने में मदद की, जिससे इन दोनों क्षेत्रों में 350 नौकरियों का सृजन हुआ।

उल्लेखनीय है कि केवीआईसी पीएमईजीपी योजना के लिए एक नोडल कार्यान्वयन एजेंसी है। 2017-18 से 2020-21 (30 सितंबर तक), केवीआईसी ने कारगिल में 802 परियोजनाएं और लेह में 191 परियोजनाएं स्थापित की हैं। जिसमें कारगिल में 6,781 और लेह में 1421 रोजगारों का सृजन हुआ। केवीआईसी ने कारगिल में इन परियोजनाओं के लिए मार्जिन मनी के रूप में 26.67 करोड़ रुपये का वितरण किया, जबकि इसी अवधि के दौरान लेह क्षेत्र में 5.68 करोड़ रुपये का वितरण किया गया।

केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि कारगिल और लेह में रोजगार में हुई वृद्धि में पर्यावरण के लिहाज से चुनौतीपूर्ण लेह-लद्दाख क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए प्रधानमंत्री के नजरिए का योगदान है। इस क्षेत्र में साल में केवल छह महीने तक ही संपर्क स्थापित हो पाता है। कारगिल और लेह ने विभिन्न विनिर्माण गतिविधियों को बनाए रखने की अपार क्षमता दिखाई है। लेह और कारगिल देश के बाकी हिस्सों से लगभग छह महीने तक कटा रहता है। हालांकि, ये इकाइयां इन क्षेत्रों में पूरे वर्ष सामानों की स्थानीय उपलब्धता सुनिश्चित करेंगी।

कारगिल और लेह के लाभार्थियों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें अपनी उत्पादन इकाइयां शुरू करने के बाद नौकरियों की तलाश में दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। इन इकाइयों ने न केवल उनके लिए स्व-रोजगार सृजित किए हैं बल्कि इस क्षेत्र के कई अन्य बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।

<img class="wp-image-16644" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/11/कारगिल-में-खादी.jpg" alt="KVIC has provided assistance in areas ranging from cement blocks to manufacturing of iron and steel items." width="525" height="440" /> सीमेंट ब्लॉकों से लेकर लोहे और स्टील की वस्तुओं के विनिर्माण आदि क्षेत्रों में केवीआईसी ने सहायता प्रदान की है।

कारगिल के गांव मिंजी के निवासी मोहम्मद बाकिर ने 10 लाख रुपये के शुरुआती ऋण के साथ सीमेंट ब्लॉक ईंटों की उत्पादन इकाई शुरू की थी। अब उसका 52 लाख रुपये का सालाना कारोबार है। उसने अपनी विनिर्माण इकाई में 8 व्यक्तियों को रोजगार दिया है। इसी तरह लोहे और इस्पात की वस्तुओं के उत्पादन से जुड़े इस्माइल नसीरी ने कारगिल के ग्राम पोयेन में 25 लाख रुपये की लागत से अपनी इकाई शुरू की और 10 लोगों को रोजगार दिया है तथा उसकी इकाई 76 लाख रुपये का कारोबार कर रही है।

रोजगार की होड़ ने स्थानीय महिलाओं को भी स्व-रोजगार के लिए प्रेरित किया है जो घर बाहर जाने और स्वतंत्र रूप से काम करने की इच्छुक नहीं थी। केवीआईसी की सहायता से अनेक महिला उद्यमी इन जिलों में कटिंग, सिलाई इकाइयां और ब्यूटी पार्लर सफलतापूर्वक संचालित कर रही हैं।

कारगिल के बारू में एक महिला उद्यमी हमीदा बानो ने सिलाई की गतिविधि में भाग लिया और अपनी यूनिट में 3 अन्य महिलाओं को रोजगार दिया। हमीदा का सालाना कारोबार भी 12 लाख रुपये तक पहुंच गया है।

यह उल्लेख करना उचित है कि लेह-लद्दाख क्षेत्र का विकास केंद्र सरकार का प्रमुख उद्देश्य रहा है। 2019 में जम्मू और कश्मीर के विभाजन के बाद से इस क्षेत्र में स्थानीय रोजगार के सृजन पर विशेष ध्यान दिया गया है।.

डॉ. शफी अयूब खान

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago