India में धूम मचा देगी ये जापानी Electric Car!

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भारतीय बाजार में इस वक्त तेजी से इलेक्ट्रिक कारों की मांग बढ़ रही है, जिसके देखते हुए प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियों ने अपने इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण पर काम तेज कर दिया है। कई ईवी कार लॉन्च हो चुकी हैं और कई जल्द घरेलू बाजार में आने के लिए तैयार हैं। इस कड़ी में अब निसान (Nissan) भी शामिल हो गया है। जापानी वाहन निर्माता कंपनी निसान भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन के लिए एक व्यवहार्यता अध्ययन कर रही है, जिसमें बैटरी निर्माण इकाई स्थापित करना भी शामिल है।</p>
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कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी अश्विनी गुप्ता ने इस बारे में जानकारी दी है। कंपनी ने पहले ही एक साल का अध्ययन शुरू कर दिया है और इसे अगले नौ महीनों में पूरा किया जाना है। यदि इसका सकारात्मक परिणाम मिलता है, तो कंपनी न केवल भारतीय बाजार के लिए बल्कि निर्यात के लिए भी इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण पर विचार करेगी। निसान, जो मित्सुबिशी के साथ साझेदारी में जापान में 'केई' (मिनी) इलेक्ट्रिक कारों का विकास कर रही है,  कंपनी भारतीय बाजार के लिए 'केई' इलेक्ट्रिक मिनी वाणिज्यिक वाहनों पर भी विचार कर सकती है, जो कि लास्ट माइल डिलीवरी सेगमेंट की जरूरतों को पूरा करने के काम में लाई जा सकती है। यह एक बेहद ही तेजी से बढ़ता हुआ सेगमेंट है। यह कहते हुए कि निसान पूरी दुनिया में अपनी विद्युतीकरण रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है, गुप्ता ने भारत के लिए कहा, आज हम जो अध्ययन कर रहे हैं वह तीन चीजें हैं।</p>
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अश्विनी गुप्ता ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि, इसमें पहले स्टेप कार मैन्युफैक्चरिंग है, लेकिन सबसे अहम दूसरी चीज है जो बैटरी मैन्युफैक्चरिंग है। इसके साथ ही उन्होंने तीसरा स्टेप चार्जिंग को लेकर बताया। उन्होंने कहा कि, अगर बैटरी कार निर्माण का एक अभिन्न अंग है, तो हमें औद्योगीकरण के मामले में बैटरी और कार को एक साथ रखना होगा। उन्होंने आगे कहा कि, हम इन तीन चीजों पर अध्ययन कर रहे हैं। और मुझे लगता है कि भारत को तीनों चीजों को संबोधित करने का महान अवसर मिला है और जिस क्षण हम उस अध्ययन को महसूस करेंगे, हम तय करेंगे कि भारत में विद्युतीकरण के बारे में क्या करना है।</p>
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अध्ययन के पूरा होने की समय-सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, एक साल के भीतर हम इस अध्ययन को पूरा कर लेंगे। हमने तीन महीने पहले ही शुरुआत कर दी है। मुझे लगता है कि नौ महीने के भीतर, हम इस अध्ययन के साथ तैयार हो जाएंगे।</p>
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आईएन ब्यूरो

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