Phulera Dooj 2022: फुलैरा दूज आज, रंग-महोत्सव शुरू! नया काम करना चाहते हो तो कर दो शुरू, दिन बेहद शुभ है

<p>
आज फुलेरा दूज है। फुलैरा दूज फाल्गुन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है। आज से होली के त्योहार का आगाज हो गया है। मथुरा में इस दिन से होली शुरू हो जाती है। आज से ब्रज में श्री कृष्ण के साथ फूलों की होली खेली जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने होली खेलने की शुरुआत की थी। तभी से इस दिन को मथुरा में बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। फुलैरा दूज को वसंत पंचमी और होली के बीच मनाया जाता है। ब्रज में इस दिन खास रौनक देखने को मिलती है। इस दिन को मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। इस कारण उत्तर भारत में फुलैरा दूज के लिए शादियां करने की भी परंपरा है।</p>
<p>
 </p>
<p>
<strong>फुलैरा दूज शुभ मुहूर्त</strong></p>
<p>
फुलैरा दूज कल रात 09:36 मिनट से आरंभ हो चुकी है और आज रात 08:45 मिनट पर समाप्त होगी।</p>
<p>
आज शुभ नामक योग बन रहा है जो रात में 1 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इसके बाद रात 1.52 मिनट से अलग दिन प्रातः 6.42 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है। मतलब ये दोनों ही समय शुभ कार्यों के समापन के लिए अति उत्तम हैं।</p>
<p>
 </p>
<p>
<strong>फुलैरा दूज का महत्व</strong></p>
<p>
फुलैरा दूज के दिन राधा-कृष्ण की पूजा से आपसी प्रेम और सौहार्द तो बढ़ता ही है साथ ही वैवाहिक जीवन में चल रही समस्याएं भी दूर होती हैं। यों कहें आपसी संबंधों को मजबूत बनाने के लिए ये दिन बहुत ही खास होता है। कृष्ण भक्तों के लिए यह दिन बहुत ही खास होता है इस वजह से ब्रजवासियों में इसका अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। फूलैरा दूज का दिन कृष्ण से अपना प्रेम जाहिर करने का दिन है। इस मौके पर राधा-कृष्ण को गुलाल लगाया जाता है। कई तरह के भोग इस मौके पर बनाए जाते हैं और भजन, कीर्तन का आयोजन किया जाता है।</p>
<p>
 </p>
<p>
<strong>फुलैरा दूज की कथा</strong></p>
<p>
पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रीकृष्ण काम में व्यस्त होने की वजह से लंबे समय राधारानी से मिलने नहीं आ सके थे। इस कारण राधा रानी और गोपियां काफी दुखी हो गईं। और उनकी नाराजगी का असर प्रकृति पर दिखने लगा। फूल और वन सूखने लगे। प्रकृति की ये हालत देखकर श्रीकृष्ण को राधा की हालत का अंदाजा लग गया। इसके बाद वे बरसाने पहुंचकर राधारानी से मिले। इससे वे प्रसन्न हो गईं और सारी तरफ हरियाली छा गई। श्रीकृष्ण ने एक फूल तोड़ा और राधारानी पर फेंक दिया। वहीं, राधा रानी ने भी कृष्ण पर फूल तोड़कर फेंक दिया। इसके बाद गोपियों ने भी एक-दूसरे पर फूल फेंकने शुरू कर दिए और चारों ओर फूलों की होली शुरु हो गई। ये फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि थी। तब से इस दिन फुलेरा दूज मनाई जाती है।</p>

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago