जीवनशैली

Raksha Bandhan:कौन है भद्रा, इसमें क्यों नहीं बांधी जाती राखी? शुभ कार्य करने से मच सकता है उथल-पुथल

Raksha Bandhan 2023:ज्योतिष में भद्रा को अशुभ समय के रूप में जाना जाता है। भद्रा का साया होने पर कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। ऐसे में रक्षाबंधन का त्योहार भी जब तक नहीं मनाया जाता है जब तक कि भद्रा खत्म न हो जाए। इस साल भी भद्रा की वजह से रक्षाबंधन का त्योहार दो दिन 30 और 31 अगस्त को मनाया जाएगा।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भद्रा के समय में कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं हो सकता है, उसमें जरूर कोई विघ्न-बाधा आती ही है। ऐसा क्यों होता है? यह जानने के लिए पढ़ें कौन हैं भद्रा? क्यों मानी जाती हैं अशुभ?

आखिर कौन है भद्रा?

तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव ने बताया की कोई भी मांगलिक कार्य करने से पूर्व भद्रा का विचार करना बहुत जरूरी है। भद्रा के पहले या बाद के मुहूर्त में शुभ काम करते हैं। भद्रा ग्रहों के राजा सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया की संतान हैं। भद्रा शनि देव की बहन हैं, पौराणिक कथाओं के मुताबिक भद्रा स्वभाव से बहुत ही आक्रामक और हर समय उथल-पुथल करने वाली हैं। कहा जाता है कि असुरों के वध के लिए भद्रा का जन्म हुआ था, उनका व्यक्तित्व दूसरों में भय पैदा करने वाला है उनके शरीर का रंग काला, बड़े-बड़े दांत और लंबे बाल हैं। वह देखने में डरावनी लगती है। कहा जाता है कि जन्म के बाद से ही वे उपद्रवी स्वभाव की थीं।

भद्रा ने बचपन से मांगलिक कार्यों को किया असफल

वे हवन, यज्ञ और अन्य मांगलिक कार्यों में बाधा पहुंचाने लगीं। भद्रा का डर लोगों के मन में बैठ गया। लोग उनसे दुखी रहने लगे। भद्रा के कार्यों और स्वभाव के कारण उनके पिता सूर्य देव भी बहुत चिंतित थे, उन्होंने ब्रह्म देव से भद्रा के बारे में बात की। ब्रह्म देव ने भद्रा को समझाया और कहा कि तुम्हारे लिए एक समय तय किया जाता है, उस समय में ही तुम्हारा वास होगा। तुम पाताल, स्वर्ग और पृथ्वी लोक पर वास करोगी। उस समय में जब कोई शुभ कार्य करेगा तो तुम उसमें विघ्न-बाधा डालना। ब्रह्म देव ने भद्रा को बव, बालव आदि करणों के बाद निवास का स्थान दिया।

ये भी पढ़े: 30 या 31 अगस्त, इस साल कब है रक्षाबंधन! राखी बांधने का सही शुभ मुहूर्त? यहां करें कंफ्यूजन दूर

ऐसे हुई भद्रा की उत्पत्ति

ब्रह्म देव के सुझाव के बाद पंचांग में भद्रा का एक निश्चित समय तय हो गया। पंचांग में जब विष्टि करण होता है तो वह भद्रा काल होता है। इस प्रकार से भद्रा की उत्पत्ति हुई। पृथ्वी लोक की भद्रा हानिकारक मानी जाती है, जबकि स्वर्ग और पाताल की भद्रा का दुष्प्रभाव पृथ्वी लोक पर नहीं माना जाता है। भद्रा को अशुभ मुहूर्त मानने के कारण उस समय में राखी नहीं बांधी जाती है। लोक मान्यता है कि रावण की बहन ने उसे भद्रा में राखी बांधी थी तो उसका सब कुछ खत्म हो गया।

रक्षाबंधन 2023 पर भद्रा कब से है?

इस साल 30 अगस्त को रक्षाबंधन है और उस दिन भद्रा सुबह 10:58 AM से रात 09:01 PM तक है। भद्रा के खत्म होने के बाद रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। भद्राकाल के बाद ही राखी बांधी जाएगी।

Ayesha Chauhan

Ayesha Chauhan

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago